गायत्री मंत्र एक विशेष मंत्र है जो कठिन समय होने पर आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। लोगों का मानना है कि इस मंत्र के जाप करने से पॉजिटिव एनर्जी आपकी और आकर्षित होती है और साथ ही आप जो भी कार्य करने की कोशिश करेंगे वह जरूर पूरा होगा। यह सफलता के लिए एक गुप्त हथियार की तरह है। लेकिन कई लोगों के मन में कन्फ्यूजन होता है कि गायत्री मंत्र के जप हेतु किस माला का उपयोग करना उचित होगा? तो चलिए हम आपकी इस बाधा को भी दूर किये देते हैं।
स्वच्छ आसान और साफ़ मन है जरुरी
जब आप गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो आपका मन साफ़ होना चाहिए और साथ ही स्वच्छ एवं साफ़ वस्त्र धारण करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा गायत्री मंत्र के क्या क्या नियम है यह जानने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति से सीखना सबसे अच्छा है जो इसके बारे में पहले से जानता है। जाप में एक विशेष तरीके से बैठा जाता है तथा कुशा आसन का उपयोग किया जाता है।
गायत्री मंत्र का जाप किस माला से करना चाहिए
गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए आप विभिन्न प्रकार की मालाओं का उपयोग कर सकते हैं, जैसे रुद्राक्ष, तुलसी या चंदन। सुबह के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके मंत्र का जाप करें और शाम को पश्चिम की ओर मुख करके मंत्र का जाप करें।
गायत्री मंत्र का जाप कम से कम 27 या 108 बार करे। आप इसे 11 या 21 बार भी कर सकते हैं यह इस पर निर्भर करता है कि आप कितना कर सकते हैं।
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