क्या आप जानते हैं कि गंगा पुत्र किसे कहा जाता है? अगर नहीं तो सी लेख को जरुर पढ़ें।
गंगा पुत्र किसे कहा जाता है?
भीष्म जिन्हें भीष्म पितामह भी कहा जाता है गंगा के पुत्र माने जाते हैं। भीष्म के पिता का नाम राजा शान्तनु था। भीष्म का जन्म हस्तिनापुर में हुआ था। इनका मूल नाम देवव्रत था, इनके पिता इनकी पितृभक्त से काफी प्रसन्न थे जिस कारण उन्होंने भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था। इन्हें भीष्म प्रतिज्ञा के लिए भी जाना जाता है और इसी प्रतिज्ञा के कारण यह कभी राजा नहीं बनें थे हमेशा संरक्षक बन कर ही रहे थे। न ही इन्होने विवाह किया था और आजीवन ब्रह्मचारी ही रहें थे। महाभारत में भीष्म ने कौरवो का साथ दिया था और अधर्म का साथ देने के कारण ही वे मृत्यु को प्राप्त हुए थे।
महाभारत के युद्ध के समय भीष्म पितामह कौरवों की तरफ से सेनापति की भूमिका निभा रहें थे। भीष्म ने 10 दिन तक युद्ध किया था तथा दसवें दिन इच्छामृत्यु प्राप्त भीष्म पांडवों के विनय पर अपनी मृत्यु का रहस्य बताते हैं और भीष्म के सामने शिखंडी को उतारा जाता है। प्रतिज्ञा अनुसार भीष्म किसी स्त्री, वेश्या या नपुंसक व्यक्ति पर शस्त्र नहीं उठा सकते थे और शिखंडी नपुंसक जिस कारण भीष्म युद्ध हारे थे।
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