भारत में आज लोकतंत्र है और यहाँ पर जनता का शासन है परन्तु भारत का पहला शासक चंद्रगुप्त मौर्य को कहा जा सकता है, जिन्होंने मौर्य वंश की स्थापना की थी। वे निर्विवाद रूप से भारत के पहले राजा थे क्योंकि उन्होंने न केवल प्राचीन भारत में सभी खंडित राज्यों को जीता बल्कि उन सभी को मिला कर एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया जिसकी सीमाएं अफगानिस्तान और फारस के किनारे तक विस्तृत थी। मौर्य वंश के बाद भारत पर अनेक राजवंशों ने राज किया उन्ही में से एक है गुप्त वंश। इस लेख में हम गुप्त वंश और Gupt Vansh Ka Sansthapak Kaun Tha – गुप्त वंश का संस्थापक कौन था? इसके बारे में जानेंगे।
गुप्त वंश का संस्थापक कौन था?
Gupt Vansh Ka Sansthapak Kaun Tha: भारत में मोर्य वंश के पतन के बाद अनेक भारतीय शासकों ने एकता लाने की कोशिश की लेकिन यह संभव नहीं हो सका। गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी शताब्दी के चौथे दशक में तथा उत्थान चौथी शताब्दी के आरम्भ में हुआ। गुप्त वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त प्रथम था हालांकि इतिहासकारों द्वारा पता लगाये गए सबसे प्राचीनतम गुप्त राजा श्रीगुप्त है। गुप्त वंश का शुरुवाती शासन वर्तमान उत्तर प्रदेश तथा बिहार में था। चन्द्रगुप्त के बाद उनके पुत्र समुद्रगुप्त ने अन्य क्षेत्रों पर विजय प्राप्त कर साम्राज्य का विस्तार किया। इस वंश के तीसरे शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय “विक्रमादित्य” ने इस साम्राज्य को उज्जैन तक विस्तारित किया। गुप्तों के शासन काल को भारत का स्वर्ण युग माना जाता है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!गुप्त वंश के प्रमुख शासक –
गुप्त वंश के प्राचीनतम शासक श्रीगुप्त प्रथम थे उनस के बाद घटोत्कच,चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, रामगुप्त, चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य,कुमारगुप्त प्रथम, स्कन्दगुप्त, पुरुगुप्त, कुमारगुप्त द्वितीय, बुद्धगुप्त, नरसिंहगुप्त बालादित्य, कुमारगुप्त तृतीय और विष्णुगुप्त थे।
गुप्त वंश का पतन –
गुप्त वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक स्कंदगुप्त को माना जाता है। स्कंदगुप्त ने 12 वर्ष तक शासन किया। हालाँकि स्कंदगुप्त के बाद भी गुप्त वंश 100 वर्षों तक चला लेकिन यह साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर हो गया। स्कंदगुप्त के बाद पुरुगुप्त, कुमारगुप्त द्वितीय, बुधगुप्त, नरसिंहगुप्त बालादित्य, कुमारगुप्त तृतीय, महासेनगुप्त, देवगुप्त एवं माधवगुप्तगुप्त वंश के शासक हुए। गुप्त राजवंश 06 वी शताब्दी के मध्य तक चला।
FAQ
गुप्त राजवंश की राजधानी पाटलिपुत्र थी।
गुप्तवंश का अंतिम व 24 वां शासक कुमारगुप्त तृतीय था। वह अपने पिता नरसिंहगुप्त के बाद मगध के सिंघासन पर बैठा।
गुप्त वंश की स्थापना चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा 320 ईस्वी में की गयी थी।
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