आज के समय दुनिया में कई तरह की खतरनाक तथा जानलेवा बीमारियाँ चल रही है जो हर साल लाखों लोगों की जान ले रही है, हर साल मरने वाले लोगों के आकड़ों में वृद्धि हो रही है जिसका मुख्य कारण है बिमारियों के बारें सटीक जानकारी नहीं होना और न ही बीमारी से बचने के उपायों के बारें में पता होना। यदि लोगों को इन सब से अवगत कराया जाएँ और बिमारियों के बारे में जानकारी दी जाएँ तो काफी हद तक जानलेवा बीमारियों से होने वाली मौतों के आकड़ें को कम किया जाता है। ऐसी ही एक बीमारी है एड्स जो HIV नामक वायरस से होती हैं और लोगों को इस जानलेवा बीमारी के बारें ज्यादा कुछ पता नहीं है जिस कारण इस बीमारी के कारण प्रतिदिन 115 लोगों की मौत हो जाती है। कई मरीजों को यह तक नहीं पता नहीं होता है कि एचआईवी खून में कितने दिन बाद पता चलता है? जिस कारण वह गलत समय पर जांच करवालेते हैं और उन्हें सही परिणाम नहीं मिलते हैं तथा परामर्श नहीं हो पाता है।
क्या है एड्स?
एड्स एक जानलेवा बीमारी है जो HIV वायरस के कारण होती है, एड्स का फुल फॉर्म एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम है। अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती हैं उस व्यक्ति की इम्युनिटी काफी ज्यादा कम हो जाती है और इम्युनिटी सिस्टम के कमजोर हो जाने के कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है। HIV वायरस अफ्रिकी चिंपैंजी से इंसानों में फैला है। यह वायरस कई तरीको से एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलता है और कुछ दिनों में पुरे शरीर में फेल जाता है तथा व्यक्ति की जन भी ले सकता है।
कैसे फैलता है HIV?
एड्स एक गम्भीर बीमारी है, जो व्यक्ति HIV पॉजिटिव होता है उसे एड्स हो सकता है, तथा एड्स से ग्रस्त व्यक्ति अवश्य ही HIV पॉजिटिव हो सकता है। HIV इन्फेक्शन का सबसे अंतिम चरण एड्स होता है। जो व्यक्ति HIV पॉजिटिव होता है उसके शरीर से निकलने वाले द्रव के द्वारा यह वायरस फैलता है, यह सामान्य सम्पर्क से नहीं फेलता है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को रक्त दान करता है तो रक्त लेने वाले व्यक्ति को यह बीमारी हो जाती है। असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने से भी HIV का खतरा बड़ जाता है। अगर कोई व्यक्ति ऐसे व्यक्ति से इंजेक्शन साझा करता है जो HIV पॉजिटिव हैं तो दुसरे व्यक्ति को भी HIV हो सकता है इसीलिए कभी एक इंजेक्शन का उपयोग दो बार नहीं किया जाता है, संक्रमित महिला के गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान द्वारा भी यह बीमारी फेल जाती है।
एड्स के लक्षण
एचआईवी पॉजिटिव होने के बाद यदि व्यक्ति को एड्स हो जाता है तो उसमे कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, पुरुष और महिलाओं में अलग-अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। समय पर इसके लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर की सलाह लेने से जाना जाने का खतरा कम हो जाता है।
महिलाओं में एड्स के मुख्य लक्षण
- अधिकांश समय बुखार रहना।
- पेट दर्द और पेट सम्बन्धित समस्याओं का बनें रहेंगे।
- वजन कम होना।
- रात में पसीना आना।
- शरीर में लाल चकत्ते होना।
- स्मरण शक्ति में कमी आना।
- कमजोरी महसूस करना आदि।
पुरुषों में एड्स के मुख्य लक्षण
- तेजी से वजन का कम होना।
- थकान रहना।
- गर्दन में दर्द रहना।
- जोड़ो में दर्द रहना।
- न्यूमोनिया।
- गुदा या गुप्तांगों में घाव, दर्द।
- इनफर्टिलिटी की समस्या होना।
एचआईवी खून में कितने दिन बाद पता चलता है?
अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि वह HIV वायरस के सम्पर्क में आ गया है तो उसे 3 से 4 हफ्ते बाद टेस्ट करवाना चाहिए, यदि तुरंत ही टेस्ट करवाया जाएँ तो नतीजे गलत आ सकते हैं क्योकि यह वायरस धीमी गति से फैलता है। जब यह वायरस शरीर में प्रवेश करता है और इसके सतह पर आने में जो समय लगता है उस समय को ही विंडो पीरियड कहा जाता है इस समय टेस्ट करवाने से सही परिणाम नहीं मिलते हैं। परन्तु आपको इस समय में डॉक्टर्स के सम्पर्क जरूर रहना चाहिए, कहा जाता है यदि आपको लगे की आप HIV के सम्पर्क में आ गये हैं तो 72 घंटे के अंदर डॉक्टर से जरुर मिलना चाहिए ऐसा करने से बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
रोकथाम के उपाय
HIV वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार कई कदम उठाती रहती है, लोगों को जागरूक करने के लिए और इस वायरस से होने वाले एड्स के खतरे को कम करने के लिए हर साल 1 दिसम्बर को World AIDS Day भी मनाया जाता है जिसमे लोगों को इस बीमारी के लक्षणों कारणों और उपायों को खुले तौर पर बताया जाता है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एक इंजेक्शन या किसी भी प्रकार की सिरिंज का उपयोग एक बार ही किया जाना चाहिए, यौन सम्बन्ध बनाते समय निरोध का प्रयोग करना चाहिए।
इस लेख के माध्यम से Aids जैसी बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है क्योकि यहाँ इससे जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है और एचआईवी खून में कितने दिन बाद पता चलता है? इस बारें में भी विस्तृत रूप से बताया गया है, ताकि लोगों को इस बारे में पता चल सकें इर समय रहते वह इस खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हो सकें तथा इसे फैलने से रोकने के लिए कार्य कर सकें।
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