हिन्दू धर्म में नारियल को श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि यह एक बहुत ही शुभ तथा पवित्र फल माना गया है। किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को प्रारम्भ करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है। भगवान की आरती के पश्चात भी नारियल फोड़ कर भगवान के चरणों में अर्पित किया जाता है। सनातन धर्म में गृह प्रवेश के समय कलश और नारियल का उपयोग किया जाता है। और अन्य कई धार्मिक कार्यो में भी कलश का उपयोग होता है और उस कलश पर नारियल को रखा जाता है। कहते हैं कि यदि पूजा आदि के समय कलश पर सही तरह से नारियल नहीं रखा जाए तो पूजा का लाभ नहीं मिलता है! इसीलिए कलश पर सही से नारियल रहना बेहद जरुरी होता है। आज के इस लेख में आप जानेंगे कि कलश पर नारियल रखने का सही तरीका क्या है?
ये है कलश पर नारियल रखने का सही तरीका
नारियल को कलश पर रखने से पहले उसे एक नये वस्त्र से लपेटकर रखना चाहिए, कभी भी नारियल को खुला कलश पर नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा नारियल पर मौली धागा भी बांधना जरुरी है। कलश पर नारियल रखते समय नारियल का मुख ऊपर की तरफ तथा पूजा करने वले व्यक्ति की दिशा में होना चाहिए। नारियल का मुख पहचानने के लिए आपको नारियल पर तीन बिंदु के निशान खोजना होंगे, यही नारियल का मुख होता है। नारियल का मुख पहचानने के लिए आप चोटी वाला हिस्सा भी देख सकते हैं। कलश रखने के लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पूर्व दिशा मानी जाती है।
FAQs
वैसे तो कोशिश यही की जाती है कि पानी वाला नारियल ही पूजा के लिए लाया जाए। लेकिन यदि आपको पानी वाला नारियल न मिले तो आप बिना पानी वाला नारियल भी चढ़ा ही सकते हैं।
यह एक थोड़ा मोटा सा धागा होता है जो कि लाल, पिले, हरे कलर का होता है। इसे कई जगह पर नाड़ा भी कहते हैं।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –