काशी विश्वनाथ मंदिर भारतीय धार्मिक स्थलों में से एक है और यह वाराणसी उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था और यह इस क्षेत्र की सबसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। काशी विश्वनाथ मंदिर की स्थापना लगभग 3500 वर्ष पहले हुई थी पर इसका निर्माण मुग़ल शासक अकबर के समय में हुआ था जो महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने करवाया था। इसके पश्चात इसे अनेक बार नष्ट होने और पुनर्निर्माण के बाद भी यह मंदिर हर समय अपनी उपस्थिति बनाए रखी है। इस मंदिर को पहुचने के लिए प्रवेश द्वार की सजावट बहुत शानदार है और यह दरवाज़ा उत्तर-दक्षिणी दिशा में खुलता है। इस लेख में आप यह भी जानेंगे कि काशी विश्वनाथ मंदिर खुलने का समय क्या है?
भारत का सबसे प्रसिद्ध शिवमंदिर
यह मंदिर हिन्दू धर्म के अनुयायों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां शिवजी की आराधना करने आते हैं। इसके अलावा, इस मंदिर में शिव के दूसरे अवतारों की मूर्तियां भी स्थापित हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर का आकार विस्तृत है और इसे एक क्षेत्र में फैलाया गया है। मंदिर के भीतर एक विशेष स्थान है जिसे ‘गर्भगृह’ के नाम से जाना जाता है और यहां शिव की मूर्ति स्थापित है। इस स्थान को ही मंदिर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है और यहां आराधना और पूजा की जाती है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!यह मंदिर न केवल धार्मिक आदार्शों का प्रतीक है, बल्कि वाराणसी शहर की संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व का भी एक प्रतीक है। इसे वाराणसी के पुराने शहर के बीच में स्थापित किया गया है और यहां आने वाले लोग इस मंदिर के माध्यम से अपने जीवन में शान्ति और सुख ढूंढ़ने आते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर भारतीय वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। इसकी मंदिर शैली बहुत ही आकर्षक है और इसमें मूर्तियों, वास्तुकला और नक्काशी के अत्यंत सुंदर और विस्मयकारी कार्य शामिल हैं। मंदिर के प्रमुख द्वार पर अद्वितीय नक्काशी और कार्यकलाप देखा जा सकता है, जो इसे एक अद्वितीय स्थल बनाते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर खुलने का समय
काशी विश्वनाथ सुबह के 3 बजे खुल जाता है तथा रात को 11 बजे इसके कपाट बंद कर दिए जाते हैं। यहाँ दिन में पांचबार आरती होती है जिसका समय आपको यहाँ नीचे दिया गया है।
- मंगला आरती – 3.00 से 4.00 बजे
- भोग आरती – 11.15 से 12.20 बजे
- संध्या आरती – 7.00 से 8.15 बजे
- शृंगार आरत: – 9.00 से 10.15 बजे
- शयन आरती – 10.30 से 11.00 बजे
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –