जीवन में एक न एक बार तो ऐसी स्थिति जरुर आती है जब कुछ समझ नहीं आता है कि क्या करना चाहिए? आज के समय में मनुष्य की इच्छाओं में इतनी अधिक वृद्धि हो चुकी है कि वह हर समय इन्हें पूरी करने की कोशिश में परेशान रहता है। और अवसाद जैसी बीमारी का शिकार हो जाता है जिस कारण उसे कुछ समझ नहीं आता है कि अब इन परेशानियों से कैसी बाहर निकला जा सकता है? बहुत सी बार समस्याओं के लिए हम खुद उत्तरदायी नहीं होते हैं, किसी दुसरे की वजह से भी हमारे जीवन में परेशानिया आ जाती है या किसी चीज़ के आभाव में भी आप चिंताग्रस्त हो सकते हैं। जैसे नौकरी न मिलने पर, शादी न होने पर, पैसो की तंगी के कारण, बुरी घटना के कारण, पारिवारिक या अन्य विवाद, या किसी प्रकार की असक्षमता मानसिक तनाव का कारण बन जाती है।
परेशानियाँ कई तरह की होती है, और इन उलझनों से निकलने के भी कई तरीके होते हैं, पर हर किसी भी तरह की समस्या में आप कुछ ऐसी सामान्य उपायों की आजमा सकते हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं और आपको ऐसी स्थिति से बाहर आने में मदद कर सकते है जिसमे आपको कुछ समझ ही आ रहा है और आप अत्यधिक असहाय महसूस कर रहे हैं।
परेशानी कितनी भी बड़ी क्यों न हो उसका निवारण जरुर होता है पर इसके लिए आपको स्वयं को मानसिक रूप से मजबूत करना होगा तथा स्वयं को उस परिस्थिति के अनुसार ढालना होगा और यह स्वीकार करना होगा कि अप जैसा चाहते हैं या जैसी कल्पना करते हैं जीवन वैसा नहीं होता हैं, जीवन हमेशा से ही अस्वीकृत स्थिति का भंडार रहा है, इनसे निपटना और फिर से सामान्य स्थिति को निर्मित करने की प्रक्रिया ही जीवन है।
जब कुछ समझ न आये तो क्या करना चाहिए?
शांत मन रखें
विपरीत परिस्थितयों में मन को शांत रखना बेहद जरुरी है पर ऐसा करना कठिन हो सकता है। यदि मन को शांत न रखा जाएँ तो हमारे दिमाग में कई तरह के नकारत्मक विचार जन्म लेने लगते हैं। मन को शांत रखने के लिए हमें हमारी समस्या की तुलना दुसरे लोगों की उन समस्याओ से करना चाहिए जो काफी बड़ी है फिर भी वह जीवन में संघर्ष कर रहे हैं और आपकी तरह हताश महसूस नहीं कर रहें हैं। मन को शांत रखने के लिए आप अपनी दिनचर्या में कई तरह की चीजों को जोड़ सकते हैं जैसे Meditation, व्यायाम, संतुलित आहार आदि।
सकारात्मक रहे
जब कुछ समझ नहीं आता कि क्या करें तो ऐसे में मन में नकारात्मक विचारो की बाढ़ सी आ जाती है। और यह हमारे सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है जिस के कारण हम और उलझने लगते हैं। कई लोग परिस्थिति को इतना बुरा मान लेते हैं कि उनके मन में आत्महत्या जैसे विचार आने लगते हैं क्योकि उन्हें लगता है कि उनके जीवन में अब कुछ शेष नहीं रह गया है या फिर वह खुद को अत्यधिक दुर्बल मान लेते हैं। अगर कुछ समझ न आये तो सकारात्मक रहने के लिए प्रेरित करने वाली कहानियो पर ध्यान दें। खुद की तुलना दुसरो से करना बंद कर दें, हर किसी का जीवन और क्षमताएँ अलग-अलग होती है इसे स्वयं पर हावी न होने दें। निराशा को पूरी तरह से त्याग दे तथा अपने कर्मो और मेहनत पर भरोसा रखे आप जो चाहते हैं वह आपको जरुर मिल जाएगा। अगर मेहनत के बाद भी वह प्राप्त न हो तो उसे ईश्वर की इच्छा समझ ले।
अपनों का साथ न छोड़े
बुरे समय में अकेले रहने की इच्छा हो सकती है और किसी पर भी भरोसा करने और मन की बात रखने में समस्या आ सकती है। कई बार ऐसे लोग आपको धौका दे जाते हैं जिन पर आपको बहुत ही भरोसा होता है और फिर आप अन्य लोगों पर भी भरोसा करने में सोचते हैं क्योकि आपको लगता है कि जब सनसे अधिक भरोसे वाला व्यक्ति धौका दे सकता है तो अन्य पर भरोसा करना फिजूल है। परन्तु आपको यह समझना होगा हर कोई एक सा नहीं होता है इसीलिए अकेले रहने से बेहतर की अपनों को साथ न छोड़े।
FAQs
कोशिश करते रहें, न्यियो जगहों पर try करें तथा अपनी योग्य्यता के अनुसार कार्य की तलाश करे।
पारिवारिक झगड़ो से बचना आसन नहीं होता है ऐसे आपको अपने गुस्से पर काबू रखना होगा।
योग करें, संतुलित आहार ले, प्रेरित करने वाली किताबे पढ़ें आदि।
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