हिन्दू धर्म में भगवान शिव का स्थान सर्वोच्च है, वे त्रिदेवों में से एक है। भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत प्रेम करते है और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर दर्शन भी देते है। शिव जी के प्रतिक के रूप में शिवलिंग की पूजा की जाती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शिव जी के १२ ज्योतिर्लिंग इसे स्थान हैं जहाँ पर उन्होंने खुद दर्शन दिए थे। ज्योतिर्लिंग का अर्थ “रौशनी का प्रतिक” होता है। हम १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंच सकते हैं इसकी जानकरी देने वाले है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के मान्धाता पर्वत पर नर्मदा नदी के किनारे पर खंडवा जिले में स्थित है। पर्वत के पास आकर नर्मदा दो धारा में विभाजित हो जाती है जिससे यह स्थान एक टापू के समान प्रतीत होता है। इस टापू के बारे में खास बात यह है कि यह ॐ के आकर में बना हुआ है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!प्राराचीन काल में ओंकारेश्वर के राजा मान्धाता ने इस पर्यवत के किनारे शिव जी की घोर तपस्हाँया की और शिव जी को प्रसन्न किया। जब तपस्या से प्रसन्न होकर दर्शन दिए तो मान्धाता ने शिव जी से यही निवास करने का वर माँगा तभी से शिव जी ओंकारेश्वर-ममलेश्वर के रूप में यहाँ विराजमान है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे?
ओंकारेश्वर एक टापू पर स्थित है यहाँ पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने के लिए निम्न में से किसी भी मार्ग से जा सकते है।
वायु मार्ग से – यदि आप मध्यप्रदेश के अलावा भारत के किसी अन्य राज्य में रहते है और जल्तोदी ओंकारेश्वर पहुंचना चाहते है तो आप वायु मार्ग से सबसे निकटतम एयर पोर्ट देवी अहिल्याबाई होलकर एयर पोर्ट, इंदौर पहुच सकते है। जहाँ से ओंकारेश्वर की दुरी लगभग 80 किलोमीटर है। जिसे आप बस या पप्राइवेट टेक्सी की मदद से पूरा कर सकते है।
रेल मार्ग से – ओंकारेश्वर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन, ओंकारेश्वर रेलवे स्टेशन है जिसकी दुरी ओंकारेश्वर से मात्र 12 किलोमीटर है।
बस या टेक्सी द्वारा – बस से ओंकारेश्वर पहुचने के लिए आप इंदौर या खंडवा से बस ले सकते है। और आप प्राइवेट टेक्सी से भी ओम्कारेश्वर पहुच सकते है।
आप भी शिव जी के इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन अवश्य कीजिये।
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