क्या आप जानते है कि कोई भी नेता या फिर राजा उज्जैन में रात को क्यों नहीं रुकता है? अगर नही तो आज आप जान जाएँगे कि उज्जैन में कोई भी नेता या कोई भी राजशाही परिवार का सदस्य क्यों नही रुक सकता है।
कोई भी राजा या नेता उज्जैन में रात क्यों नहीं रुकता?
बारह ज्योतिर्लिंग मेसे एक ज्योतिर्लिंग उज्जैन में भी है जिसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कहते हैं। यह एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है इन्हें ही उज्जैन का राजाधिराज माना जाता है। जिसके दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते हैं यहाँ वर्ष के हर दिन दर्शको की भीड़ लगी रहती है। मान्यता है कि कोई भी नेता या राजशाही परिवार का सदस्य उज्जैन में नही रुक सकता है क्योकि उज्जैन के राजा केवल महांकाल ही है अगर कोई यहाँ रुकता भी है तो उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है या तो उसे अपने पद को भी गवाना पड़ सकता है। अगर कोई भी नेता यहा महांकाल के दर्शन के लिए आता है तो वह रात्रि विश्राम के लिए उज्जैन में नही रुकता है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!एक बार देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई उज्जैन में महांकाल के दर्शन के लिए आये थे और उन्होंने यही रुकने का निर्णय लिया जिसके अगले दिन किन्ही कारणों से उनकी सरकार गिर गयी थी। इसके बाद एक बार कर्नाटक के CM वाईएस येदियुरप्पा ने उज्जैन में रात्रि विश्राम किया था जिसके मात्र 20 दिन बाद ही उन्हें किसी कारण से अपने पद से इस्तीफा देना पडा था।
राजा भोज के समय से ही यहाँ कोई भी राजा रात नही रुकता है इस बात का जिक्र सिंघासन बत्तीसी में भी मिलता है। वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अगर कभी उज्जैन आते हैं तो वह यहाँ रात नही रुकते हैं।
माना जाता है कि एक बार दूषण नामक असुर हुआ करता था जो उज्जैन के निवासियों को धर्मिक कार्य करने से रोकता था तथा उन्हें काफी परेशान किया करता था इससे परेशान हो कर उज्जैन के निवासियों ने भगवान शंकर से प्रार्थना की थी कि वे इस असुर का वध करे जिसके फलस्वरूप शंकर भगवान ने उज्जैन में अवतरित हो कर इस असुर का नाश किया था जिसके बाद से ही वह यहाँ निवास करते हैं।
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