नमस्कार मित्रो! इस पोस्ट में आप जानेंगे कि खाक छानना मुहावरे का अर्थ एवं वाक्य में प्रयोग क्या होता है। इस मुहावरे से जुड़े बहुत से वाक्यों में प्रयोग नीचे दिए गये हैं जिनकी मदद से आपको इस मुहावर का अर्थ और भी सरलता से समझ में आ सकेगा।
खाक छानना मुहावरे का अर्थ एवं वाक्य में प्रयोग
खाक छानना मुहावरे का अर्थ होता है कि दर दर भटकना, मारा-मारा फिरना, किसी चीज की तलाश में व्यस्त रहना आदि। खाक छानना एक ऐसा मुहावरा है जो अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है और अपने भी इसे बहुत बार सुना होगा। आइये जानते हैं इस मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग क्या होता है।
खाक छानना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
- राजा को बीए पास किये हुए पांच साल हो गए लेकिन अभी भी वो नौकरी की तलाश में खाक छान रहा है।
- कल मेले के अंदर चप्पल गुम हो गई थी उनकी तलास के लिए खाक छानता रहा और अंत मे जाकर मेरे ही दोस्त के पास मिली।
- राजेश के पास जब पैसे थे तब वो बहुत खर्च करता था पर अब चंद रुपयों के लिए खाक छान रहा है।
- पूरी दुनिया के अंदर ईश्वर की खोज मे खाक छानते घूम रहे थे पर आज पता चला कि वो तो अपने ही अंदर है।
- कल मेरी कार चोरी हो गई थी सर इस वजह से पूरे बाजार के अंदर खाक छानता हुआ फिर रहा था ।
- मैं तो पूरी दुनिया के अंदर खाक छानता हूआ घूम चुका हूं लेकिन आज तक यह नहीं पता चल सका किभगवान आखिर कहा मिलेंगे।
- सोने की रिंग गुम हो जाने की वजह से राजू खाक छानता हुआ घूम रहा है।
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