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वैज्ञानिक नाम इस लिए रखें जाते हैं क्योकि किसी भी जीव जंतु या वनस्पति का हर क्षेत्र में अलग-अलग नाम होता है इसीलिए दुनिया के हर क्षेत्र में इन्हें आसानी से पहचाना जा सकें इसीलिए वैज्ञानिक नाम दिए जाते हैं।
खेजड़ी का वैज्ञानिक नाम (Khejri Scientific Name)
खेजड़ी के पेड़ का वैज्ञानिक नाम Prosopis cineraria (प्रोसेसिप-सिनेरेरिया) होता है, यह राजस्थान का राज्य वृक्ष है, खेजड़ी के पेड़ को शमी भी कहा जाता है जो मरुस्थलीय क्षेत्र में उगता है, यह राजस्थान के कई क्षेत्रो में पाया जाता है तथा भारत के अलावा कई देशों में भी पाया जाता है। यह रेगिस्तान में छाव देने का काम करता है तथा इसकी लकड़ी भी काफी उपयोगी होती है इसे आसानी से जलाया जा सकता है और इससे फर्नीचर का भी निर्माण किया जाता है, कई क्षेत्रो में इसकी छाल को खाया भी जाता है।
इस पेड़ को 1983 में राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित कर दिया गया था, इस वृक्ष के अन्य कई नाम और भी है जैसे सांगरी, जांट, कांडी आदि। कई क्षेत्रो में दशहरे के दिन इस पेड़ की पूजा भी की जाती है, और माना जाता है कि पांडवो ने गांडीव धनुष को इसी पेड़ में छुपाया था।
राजस्थान में शुष्क जलवायु है जिस कारण यहाँ कम पानी में उगने वाले पौधे ही उग पाते हैं जिस कारण शमी का पौधा ऐसे ही क्षेत्र में उगता है, इस पर सूखे का असर नहीं होता है जिस कारण यह मरुस्थल में भी पनप जाता है, इस पेड़ में अत्यधिक गर्मी सहन करने की भी क्षमता होती है जिस कारण गर्मी में भी यह अन्य पोधो की तरह अत्यधिक सूखता नहीं है। ऐसा नहीं है कि यह केवल राजस्थान में ही पाया जाता है यह राजस्थान के अलावा कर्नाटक, पंजाब, गुजरात में भी पाया जाता है।

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