बहुत से ऐसे वाक्य होते हैं जिन्हें सुन कर समझ नहीं आता है कि उनका अर्थ क्या है क्योकि वह सुनने में थोड़े से अजीब लगते हैं। जब भी किसी वाक्य का अर्थ समझ नहीं आता है तो सबसे पहले गूगल की सहायता ली जाती है क्योकि गूगल पर कई प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं। ऐसा ही एक प्रश्न है जिसका उत्तर कई लोगों को पता नहीं है वह है खून को भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है? अगर आप भी इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में इस लेख तक पहुच गये हैं तो आपको इसमें इसका उत्तर आसान शब्दों में मिल जाएगा।
खून को भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है?
इस वाक्य को समझने से पहले यह जानना होगा कि भानुमती का पिटारा शब्द किस लिए उपयोग किया जाता है? तो आपको बतादे कि भानुमती का पिटारा एक मुहावरा है जिसका अर्थ होता है कि ऐसा पिटारा जिसमे आवश्यकता की हर चीज़ मौजूद होती है। और खून को भानुमती का पिटारा इसलिए कहा गया है क्योकि खून में बहुत सी ऐसी चीजे होती है जो शरीर के लिए आवश्यक होती हैं जैसे लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स आदि। यह सभी तत्व शरीर को सुचारू रूप से काम करने में सहायक होते हैं तथा इनमे कमी होने पर कई तरह की बीमारियाँ हो सकती है।
FAQs
खून एक महत्वपूर्ण शरीरिक तरल है जो हमारे शरीर में सिरकुलेट होता है। यह रक्तकोशिकाओं, प्लाज्मा, और अन्य तत्वों से मिलकर बनता है और शरीर के जीवन के प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है।
खून का मुख्य कार्य हमारे शरीर में ऑक्सीजन और पोषण सामग्री को सेल्स तक पहुँचाना होता है। यह इम्यून सिस्टम को सहायक बनाता है जो बिमारियों से लड़ने में मदद करता है।
खून में रक्तकोशिकाएँ होती हैं, जिनमें लाल रक्तकोशिकाएँ (रेड ब्लड सेल्स) होती हैं, जो ऑक्सीजन को शरीर के अन्य भागों तक पहुंचाती हैं, और लक्ष रक्तकोशिकाएँ (व्हाइट ब्लड सेल्स) होती हैं, जो रोगाणुओं और इंफेक्शनों के खिलाफ लड़ती हैं।
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