जीविका का अर्थ होता है जीवन और साथ ही वह प्रक्रिया जिसके द्वारा रोज़ी रोटी कमाई जाती है। हर कोई अपनी जीविका चलाने के लिए कुछ ना कुछ कार्य अवश्य करता है इसके लिए उसे दो चीजो के बिच एक का चयन करना होता है नौकरी एवं स्वरोजगार। आवश्यकता की पूर्ति के लिए मनुष्य या तो नौकरी करता है या फिर रोजगार जिसके माध्यम से उसको आय की प्राप्ति होती है। वह आय के लिए ही अपना समय तथा ऊर्जा लगाता है तथा हमेशा आगे बढ़ने की सोचता है। जिस प्रकार डॉक्टर मरीजो का इलाज कर जीविका चलाता है, मजदुर काम कर जीविका चलाता है, दुकानदार सामान बेच कर जीविका चलाता है हे उसी प्रकार कई लोग लिख कर अपनी जीविका चलाते हैं क्या जानते है कि लिख कर अपनी जीविका चलाने वाले को क्या कहते है?
लिख कर अपनी जीविका चलाने वाले को क्या कहते हैं?
लिख कर अपनी जीविका चलाने वाले को लेखक कहते हैं। लेखक का कार्य किताबे लिखना होता है। चार मुख्य प्रकार की लेखन शैलियाँ मोजूद है प्रेरक, कथात्मक, व्याख्यात्मक और वर्णनात्मक। लेखक साहित्यिक कला और रचनात्मक लेखन के अनेक रूपों का निर्माण करते हैं जैसे नाटक, पटकथा, और निबंध के साथ-साथ विभिन्न उपयोगितावादी रूप जैसे रिपोर्ट, लेख, पत्रिका, संपादकीय, समाचार लेख, उपन्यास, लघु कथाएँ, किताबें और कविताएं।
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