रक्त एवं लौह की नीति को किसने अपनाया था?


आज का प्रश्न – रक्त एवं लौह की नीति को किसने अपनाया था? यह प्रश्न परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।

रक्त एवं लौह की नीति को किसने अपनाया था?

जर्मन नेता बिस्मार्क ने सन् 1862 में अपने भाषण में सबसे पहले इस नीति का उल्लेख किया था जिसे मामलुक वंश के 9वें सुल्तान गयासुद्दीन बलबन ने सबसे पहले भारत में अपनाया था।

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रक्त एवं लौह की नीति (Blood and Iron) का अर्थ तलवार का इस्तेमाल कठोरता के साथ करना तथा खून बहाना है। बिस्मार्क का पूरा नाम ऑटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क था जिसका जन्म 1 अप्रैल 1815 को हुआ था जो यूरोप का राजनेता था जिसका लक्ष्य जर्मन के बाटे हुए राज्यों को आपस में मिलाना था। वह द्वितीय जर्मन साम्राज्य का प्रथम चांसलर भी बना। कूटनीतिज्ञ कहलाने वाले ऑटो एडुअर्ड लिओपोल्ड बिस्मार्क ने अपने लक्ष्यों को पूरा भी किया।

रक्त और लौह की नीति अपनाने वाला पहला सुल्तान बलबन ने इस नीति का प्रारम्भ मंगोलों के लगातार हमलों को रोकने के लिए की थी। इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने इस नीति को अपनाया था।

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