मच्छर से तो हर कोई वाकिफ है क्योंकि भारत में मच्छर लगभग हर क्षेत्र में पाए हैं तो लोहो को परेशान करते हैं, मच्छर का भी एक जीवन चक्र होता है जिसमे यह बच्चे से बड़े होते हैं। क्या आप जानते हैं कि मच्छर के बच्चों को क्या कहते हैं? अगर नहीं तो आपको इस लेख की मदद लेना चाहिए इसमें आपको मच्छर और उनके बच्चो से सम्बन्धित जानकारी मिल जाएगी।
मच्छर के बच्चे को क्या कहा जाता है?
मच्छर के जीवन की शुरुआत पानी से होती है, मादा मच्छर पानी की सतह पर अंडे देती है फिर यह अंडे लार्वा में बदल जाते हैं जिन्हें मच्छर के बच्चे कहा जाता है। लार्वा के बाद मच्छर प्यूपा में बदल जाते हैं, यह भी मच्छरों के जीवन चक्र का एक हिस्सा है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!केवल मादा मच्छर ही इंसानों का खून चुसती है और पोषण प्राप्त करती है, इसके अतिरिक्त नर मच्छर पेड़ पौधों से पोषण प्राप्त करते हैं। मादा मच्छर को बच्चे पैदा करने के लिए खून की जरूरत होती है। मादा मच्छर स्थिर पानी पर अंडे देती है जो पानी पर तैरते रहते हैं फिर यह लार्वा में बदल जाते हैं और प्यूपा बनने तक पानी पर ही रहते हैं, और व्यस्क होने पर मच्छर बन आकर उड़ जाते हैं।
उनका अंडे से लार्वा बनाने का यह चक्र 8 दिनों का होता है जिसके बाद यह प्रजनन के लिए भी तैयार हो जाते हैं और मादा मच्छर लोगों का खून चुसना प्रारम्भ कर देती है, यह अपने डंक के द्वारा लोगों की त्वचा को भेद कर उनका खून चूस लेती हैं पर इंसानों में पायी जाने वाली प्रति रक्षा प्रणाली के कारण उस स्थान पर खुजली का अनुभव होता है।
मच्छर इंसानों के द्वारा छोड़ी जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस के कारण उन तक पहुचते हैं और भोजन के लिए उन्हें काटते हैं। पर कई बार मच्छर में वायरस भी होते हैं जो उसके द्वारा काट लेने के कारण इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और व्यक्ति को गंभीर बिमारी तक हो जाती है जैसे मलेरिया, डेंगू आदि।
मच्छरों को कैसे रोके?
- आप कई तरीको का उपयोग कर मच्छरों को रोक सकते हैं जैसे आपको कही भी पानी को स्थिर नहीं होने देना है और जरुरी खुले पानी को हमेशा ढक कर रखना चाहिए।
- घर में या कही भी बिलकुल भी गंदगी नहीं होने देना चाहिए।
- शाम के समय मच्छर को भगाने वाली अगरबत्ती या अन्य उपकरण का उपयोग करना चाहिए।
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