आज इस लेख में आप जानेंगे कि मकर संक्रांति का क्या मतबल है?
मकर संक्रांति का क्या अर्थ है?
पंडित अक्षत देशपांडे के अनुसार यह हिन्दू धर्म का मुख्य पर्व है जो हर वर्ष जनवरी की 14/15 तारीख को मनाया जाता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। और सूर्य का एक राशी से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है और इस समय सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसीलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं।
इस त्यौहार पर सभी मिल कर पतंग उड़ाते हैं, तिल-गुड़ बाटते हैं, तथा तिल-गुड़ के लड्डू बना कर भी बाटे जाते हैं तथा हर कोई एक दुसरो को बधाई देता है। यह शास्त्रों के अनुसार बहुत ही शुभ दिन होता है इस दिन दान करना चाहिए तथा पवित्र नदी में स्नान भी करना चाहिए ऐसा करने से पुण्य मिलता है। इसीलिए आपको मंदिरों में तथा नदियों पर भीड़ दिखाई देती है।
मकर संक्रांति के समय ऋतू में भी परिवर्तन होता है तथा सूर्य उत्तर दिशा की ओर गमन करने लगता है जिस कारण बहुत से क्षेत्रो में इसे उत्तरायण भी कहा जाता है। तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल कहा जाता है। इस समय हर जगह फसलो की कटाई होती है जिस कारण इसे शस्योत्सव भी कहा जाता है।
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