आज के लेख में आप जानेंगे कि मानहानि का केस कब कर सकते हैं?
मानहानि का केस कब कर सकते हैं?
किसी भी व्यक्ति, कम्पनी, संघठन, जाति समुदाय के सम्मान को यदि किसी व्यक्ति, या समूह द्वारा ठेस पहुचती हैं तो वह मानहानि का केस कर सकता है। अगर कोई किसी के सम्मान को हानि पहुचाता है तो वह व्यक्ति उस व्यक्ति पर मानहानि का केस कर सकता है। इस केस में व्यक्ति अपने सम्मान की रक्षा के लिए कोर्ट में केस कर सकता है तथा आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर सजा दिलवा सकता है।
मानहानि का अर्थ
“किसी व्यक्ति, व्यापार, उत्पाद, समूह, सरकार, धर्म या राष्ट्र के प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने वाला असत्य कथन मानहानि (Defamation) कहलाता है।”
मानहानि कई तरीको से हो सकती है जैसे लिखित या फिर मौखिक। लिखित में केवल शब्द ही नहीं किसी भी तरह के कार्टून, चित्र, विडियो सभी शामिल है। यदि किसी प्रकार का कार्टून किसी व्यक्ति की ख्याति को हानि पहुचाता है तो वह व्यक्ति कार्टून प्रदर्शित करने वाले पर केस कर सकता हैं। तथा मौखिक रूप से मानहानि में भाषण, अपवचन शामिल है।
अगर कोई व्यक्ति किसी पर झूठा केस दर्ज करता है तो वह व्यक्ति जो केस में फसाया जा रहा था वह केस खत्म होने पर तथा दोषी सिद्ध न होने पर सामने वाले पर मानहानि का केस कर सकता हैं क्योकि बिना सोचे समझे केस करने से समाज में व्यक्ति का अपमान हो सकता है तथा उसके सम्मान के हानि हो सकती हैं।
धारा 499-500
मानहानि के लिए IPC ACT 499-500 के आधार पर केस दर्ज कराया जा सकता है जिसमे अपराधी को 2 साल की सजा, जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।
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FAQs
मानहानि के केस में २ साल की सज़ा हो सकती है।
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