किसी भी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए उसमें किसी न किसी तरह की एक मुद्रा जरूर होती है। इस मुद्रा का प्रयोग कर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति, समूह या कंपनी से कोई वस्तु खरीद या बेच सकता है। प्राचीन काल से अब तक मुद्रा के रूप में कई परिवर्तन आये हैं। पहले ताम्बे, सोने, चांदी के सिक्के चला करते थे और अब कागज के नोट बाजार में उपयोग में लाये जा रहे हैं। हर नोट का अलग-अलग साइज, कलर और डिज़ाइन होता है। इसके अलावा हर एक नोट का अपना एक मूल्य होता है। इसी तरह से एक नोट है 2000 का नोट। इसकी वैल्यू 2000 रूपये है, आप इसे देकर किसी से भी 2000 तक की राशि का सामान खरीद सकते हैं। अब ये मूल्य तो आपके लिए हो गया लेकिन बैंक को यह नोट कितने का पड़ता है? चलिए आज जानते हैं कि 2000 का नोट बनाने में कितना खर्चा (printing cost of 2000 rupee note) आता है?
2000 का नोट बनाने में कितना खर्चा होता है?
2000 का एक नोट छापने में आरबीआई का खर्च 4 रुपये के करीब होता है। इस नोट को बनाने में वर्ष 2018-19 में काफी खर्चा हुआ था। यदि 2017-18 की बात की जाये तो इन वर्ष में 2000 के नोट की छपाई का खर्चा ज़्यादा था और 2019 की बात की जाए तो 2000 का एक नोट छापने में 18.4 फीसदी कम खर्च हुआ यानी 2019 में एक नोट छापने में 65 पैसे कम खर्च हुए हैं। अगर सही से इसे बताया जाए तो वर्ष 2018 में एक नोट की छपाई में 4 रूपये 18 पैसे खर्च होते थे जबकि वर्ष 2019 में एक नोट की छपाई की कीमत 3.53 रूपये थी। तो घुमा फिर कर बात यह है कि 2000 का एक नोट बनाने में 3.53 रूपये खर्च आता है। या फिर कह सकते हैं कि आता था! क्यूंकि 2019 से ही RBI ने इस 2000 के नोट का प्रिंटिंग कार्य रोक दिया है।
निष्कर्ष:
मुद्रा का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसी के प्रयोग से हम काफी सारे कार्य करने में सक्षम होते हैं। आज आपने इस आर्टिकल में जाना कि 2000 का नोट बनाने में कितना खर्चा (printing cost of 2000 rupee note) आता है? उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। इसे अपने मित्रों व परिजनों से शेयर करिये व सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करिये।
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