राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों का वर्णन कीजिए

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों का वर्णन कीजिए

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By Shubham Jadhav

प्रश्न – राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों का वर्णन कीजिए ।

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों का वर्णन कीजिए

देश के राष्ट्रपति को कई शक्तियाँ प्राप्त होती है और इन्हें देश का प्रथम नागरिक माना जाता है, राष्ट्रपति का चुनाव जनता नहीं करती हैं इसमें लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के विधायक वोट डालते हैं, भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को तीन स्थितियों के लिए आपातकालीन शक्तियां प्राप्त है।

अनुच्छेद 352 –

युद्ध, बाहरी आक्रमण और सशस्त्र विद्रोह जैसी स्थिति में राष्ट्रपति अपनी शक्ति का उपयोग कर खतरे वाले स्थान या पुरे देश में आपातकाल की घोषणा कर सकता है ताकि होने वाले नुकसान को कम किया जा सकें। यह आपातकाल संसद की मंजूरी के बिना केवल 1 माह तक रह सकता है वरना इसे संसद के दो तिहाई बहुमत से पास कराना होता है।

  • राष्ट्रपति द्वारा लगाये गये इस आपातकाल में राज्य सरकार को केंद्र सरकार के निर्णयों को मानना होता है।
  • केवल दो अधिकार प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अलावा सभी अधिकार ख़त्म हो जाते हैं।

अनुच्छेद 356-

किसी भी राज्य की राज्य सरकार अगर सरकार चलाने में विफल रहे और वहा कानून व्यवस्था लागु करने में भी असमर्थ रहे तो राष्ट्रपति वहाँ का शासन अपने हाथ में ले सकता है और वहाँ आपातकाल लगा सकता है।

  • राज्य पर राष्ट्रपति का नियन्त्रण होता है।
  • इस घोषणा का राज्य की उच्च न्यायालय की स्थिति पर कोई असर नही पड़ता है।

अनुच्छेद 360-

कई बार ऐसी स्थिति आ जाती हैं कि देश का राजकोष खत्म होने लगता है तथा देश कई तरह की आर्थिक दिक्कतों से घेर जाता है ऐसे में देश में गरीबी, महंगाई बड़ जात्ती है, देश में यदि आर्थिक संकट आ जाता है तो राष्ट्रपति शक्तियों का उपयोग कर आपात काल की घोषणा कर सकता है।

  • सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटोती का अधिकार।
  • केंद्र सरकार राज्य सरकार के वित्तीय मामलो में पूर्ण रूप से हस्तक्षेप कर सकती है।
  • धन विधेयक को स्वीकृति के लिये मंगाने का अधिकार।

अन्य शक्तियाँ

  • विधायी शक्तियां – संसद में विधेयक को पेश करने के लिए राष्ट्रपति से अनुमति लेना होती है, राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां राष्ट्रपति संसद का मुख्य अंग है, राष्ट्रपति लोकसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का आयोजन कर सकता है।
  • सैन्य शक्तियां – हमारे देश को राष्ट्रपति को देश की सेना का सबसे मुख्य अधिकारी माना जाता है जो शांति की घोषणा करना, सेना को विस्तृत करने जैसी शक्तियों को रखता है।
  • न्यायिक शक्तियां – इन शक्तियों के माध्यम से राष्ट्रपति दंड का उन्मूलन, क्षमा, आहरण, परिहरण, परिवर्तन कर सकता है।

राष्ट्रपति का कार्यकाल 

भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल पुरे 5 वर्ष का होता है, पर यदि किन्ही कारणों से पद खली हो जाता है तो जल्द से जल्द चुनाव करवाएं जाते हैं तथा चुनाव तक उपराष्ट्रपति इस पद के कार्यो को देख रेख करता है। कई कारणों से यह पद रिक्स्त हो सकता है जैसे मृत्यु, त्याग पत्र या महाभियोग के कारण।

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