देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, तथा कुछ समय के लिए संसार को सँभालने का कार्यभार भगवान शिव पर आ जाता है। इसके लिए भी यह श्रावण माह भगवान शिव को समर्पित माना गया है। इस साल 4 जुलाई से श्रावण की शुरुआत हो रही है। इस माह में भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है इसके लिए ही भगवान शिव के मन्दिरों में भक्तो की काफी भीड़ लगी रहती है। यह कोई भगवान शिव की आराधना में लग जाता है तथा उनकी भक्ति करने लगता है। भक्तो द्वारा व्रत रखे जाते हैं, शिवलिंग पर प्रतिदिन जल चढ़ाया जाता है तथा उनकी पूजा की जाती है। सावन को अत्यधिक पवित्र माह माना गया है इसके लिए इस माह में कई कामो को करने की मनाही होती है आइये जानते हैं श्रावण मास में क्या नहीं करना चाहिए?
श्रावण मास में क्या नहीं करना चाहिए?
इस माह को अत्यधिक पवित्र माना जाता है इसके लिए इस माह में तामसिक चीजो से दूरी रखना चाहिए तथा किसी भी तरह के तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। और ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। प्याज, मूली या लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, साथ ही हींग, मेथी दाना, गरम मसालो को भी नहीं खाना चाहिए।
सावन में लोग शराब और मांस का त्याग कर देते हैं पर वह नहीं जानते हैं कि किसी भी समय इनका सेवन करना हिन्दू धर्म में पाप माना गया है, फिर भी लोग ढोंग करते हैं तथा केवल लोगों को दिखाने के लिए सावन में इन चीजो का त्याग करते हैं। यदि आप सच्चे सनातनी तथा शिव के भक्त है तो आप इस सावन ही यह प्रण ले की आप अभी से इन चीजो का पुरे जीवन के लिए त्याग कर देंगे।
FAQs
सुबह स्नान के बाद शिव मन्दिर जा कर शिवलिंग पर जल अर्पित करने से शिव से जी प्रसन्न हो जाते हैं।
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