आज आप जानेंगे कि सूतक क्या होता है? सूतक कितने दिन का होता है? सूतक में वर्जित कार्य क्या-क्या है? व सूतक कितनी पीढ़ी तक लगता है?
सूतक क्या होता है?
हिन्दू धर्म में किसी के भी मरण तथा जन्म पर सूतक तथा पातक लग जाता है। अगर घर के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो पातक लगता है तथा किसी बच्चे के जन्म पर सूतक लगता है। जन्म के समय सूतक इसीलिए लगता है क्योकि जन्म के समय कुछ अशुद्धियाँ होती है जैसे नाल काटी जाती है आदि, जिसके फलस्वरूप सूतक लगता है तथा मृत्यु के समय दाह संस्कार से हुई हिंसा के फलस्वरूप पातक लगता है। सूतक या पातक जन्म के समय, ग्रहण के समय, स्त्री के मासिक धर्म के समय किसी की मृत्यु के समय पर लगते हैं। आगे आप जानेंगे कि सूतक कितनी पीढ़ी तक लगता है?
सूतक कितनी पीढ़ी तक लगता है?
परिवार में किसी के जन्म लेने पर 3 पीढ़ी तक 13 दिन का, 4 पीढ़ी तक 10 दिन, 5 पीढ़ी तक 6 दिन का सूतक लगता है। तथा मरण पर अंत्यक्रिया करने वाले को 13 दिनों तक पातक लगता है परिवार के लोगो को 10 दिन तथा पहचान के अलग लोग जो केवल शवयात्रा में गये थे उनके लिए 1 दिन, शव को छूने वाले को 3 दिन तथा कंधा देने वाले को 8 दिन का पातक लगता है।
सूतक कितने दिन का होता है
बच्चे के जन्म के समय घर वालो को और माँ को सूतक लग जाता है, सूतक की अवधि कुछ इस प्रकार है, ब्राह्मणों में 10 दिन, वैश्य के लिए 20 दिन और क्षत्रिय के लिए 15 दिन और शूद्र के लिए 30 दिन का सूतक होता हैं।
सूतक में वर्जित कार्य
- किसी भी धार्मिक स्थल पर जाना तथा धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होना वर्जित होता हैं।
- पूजा पाठ नही कर सकते हैं।
- तूलसी के पौधे को छूने की मनाही होती है।
- मंदिर की सामग्री को छूने की मनाही है।
- भगवान की मूर्ति को नही छूना चाहिए।
FAQs
किसी के जन्म पर सूतक तथा किसी की मृत्यु पर पातक लगता हैं।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –