हार्ट अटैक के केस प्रतिदिन बढ़ते जा रहें हैं, पहले यह बीमारी केवल अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी पर अब कम उम्र के लोगों में भी यह बीमारी देखी जा रही है और युवाओं को भी Heart attack की समस्या हो रही हैं, पर ऐसा क्या हुआ है कि अब यह बीमारी अब युवाओं को भी घेर रही है, आइये जानते हैं कि हार्ट अटैक क्या हैं और इसके आने का क्या कारण होता है तथा हार्ट अटैक के लक्षण और इसका उपचार क्या है?
हार्ट अटैक
जैसा की हम जानते हैं कि हार्ट अटैक को दिल का दौरा पड़ता भी कहा जाता है, अगर किन्ही कारणों से दिल तक रक्त को भेजने वाली धमनियों में रुकावट हो जाएँ जो Heart attack आ सकता है। धमनियों ने यह रुकावट प्लाक जमने के कारण आती है और यह प्लाग शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण भी जम सकता है। जब हृदय की धमनियां इस जमे हुए प्लाग के कारण रक्त को हृदय तक नहीं पहुचा पाती है तो हृदय की मांसपेशियों के ऊतक नष्ट हो जाते हैं।
दिल के दौरे को मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहा जाता है। जिसमे मायो’ का मतबल मांसपेशी और ‘कार्डियल का अर्थ ’हृदय’ होता है। एवं ‘इनफार्क्शन’ कम रक्त के कारण टिश्यू के नष्ट होने को दर्शाता है।
लक्षण
किसी भी बीमारी के होने से पहले कई लक्षण दिख सकते हैं, उसी प्रकार हार्ट अटैक के पहले भी शरीर में कई प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं, यदि इन्हें अच्छे से समझा जाएँ और समय पर उपचार किया जाएँ तो Heart attack के कारण होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
- दबाव के साथ सीने में दर्द होना।
- दिल में जकड़न व निचोड़ने जैसा महसूस होना।
- ठंडा और अत्यधिक पसीना आना।
- बेचेनी के साथ सांस लेने में समस्या आना।
- कंधो में, जबड़ो में, दांतों में दर्द महसूस होना।
- थकान सा अनुभव होना।
- चक्कर आना, जी मचलाना।
कुछ मामलों में किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और हार्ट अटैक के कारण मौत हो जाती है।
कारण
मोटापा – मोटे लोगों की धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा हो जाती है, जिस कारण धमनिया सही से कार्य नहीं कर पाती है और Heart attack का खतरा बड़ जाता है। वसा और कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए जरुरी है पर यदि इसकी मात्रा अधिक हो जाएँ तो यह समस्या का कारण भी बन जाती है।
डायबिटीज – डायबिटीज यानिकी शुगर लेवल का बढ़ना और यदि शरीर में सुगर का स्तर बढ़ जाता है तो इसका असर ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है और अनियमित ब्लड प्रेशर से हार्ट को नुकसान हो सकता है।
तनाव – तनाव के कारण शारीरिक या मानसिक बदलाव होने लगते हैं और यह हार्ट की ऑक्सीजन की मांग को कई गुना बढ़ा सकता है और हार्ट में आपूर्ति कम हो सकती है।
धूम्रपान – धूम्रपान करना केंसर तथा Heart attack का कारण बनता है क्योकि धूम्रपान करने से आर्टिरीज की वॉल डैमेज हो जाती है और यही हार्ट अटैक का कारण बनता है।
अनियमित खानपान और दिनचर्या – आज के समय में बहुत ही कम लोग अपने खान पान और दिनचर्या पर ध्यान देते हैं, तेल युक्त खाना और दिन भर बैठे रहने से दिल कमजोर होता है, शरीर में वसा बढ़ सकती है, इसीलिए सही खान पान पर ध्यान देना चाहिए।
अनिश्चित व्यायाम या व्यायाम का अभाव – आपने हालहि में कई ऐसे केस देखे होंगे कि Gym करते समय व्यक्ति को हार्ट अटैक आ गया। ऐसा इसलिए हटा है क्योकि व्यक्ति क्षमता से अधिक व्यायाम कर लेता है। इसके अलावा व्यायाम को पूरी तरह से दिनचर्या से गायब करना दिल के लिए ठीक नहीं है इसीलिए सही मात्रा में प्रतिदिन व्यायाम करें।
इलाज
यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाएँ तो सीपीआर दें यानी छाती काे जाेर-जाेर से एक मिनट के अंदर साै बार दबाएं, ऐसा करने से व्यक्ति की जान बच सकती है। Heart attack के लक्षण कई दिन पहले भी दिख सकते हैं इस लिए दिल में समस्या का आभास हो तो आप कई उपाय कर सकते हैं जैसे –
- ईसीजी
- ब्लड टेस्ट
- इकोकार्डियोग्राफी
- एमआरआई
- एंजियोग्राम
Heart attack आ जाने पर कई तरह की दवाईयों का उपयोग किया जाता है जिसमें एस्पिरिन, थ्रोम्बोलाइटिक्स, एंटीप्लेटलेट एजेंट, ऐस इनहिबिटर । इनके अलावा बीमारी की गम्भीरता हो देखता हुए सर्जरी का भी उपयोग किया जाता है जिसमें एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी शामिल है।
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