न्यायाधीश का पद एक बहुत ही सम्माननीय एवं जिम्मेदारियों से भरा होता है। यदि हम बात करें उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद की तो यह और भी अधिक महत्वपूर्ण होता है। इसमें गलती की कोई गुंजाईश नहीं होती है। भारतीय न्याय व्यवस्था अंग्रेजों द्वारा स्थापित की गयी न्यायिक प्रणाली का अनुसरण करती है। भारतीय न्याय प्रणाली में सर्वप्रथम भारत का सुप्रीम कोर्ट (सर्वोच्च न्यायालय), उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय हैं। सुप्रीम कोर्ट भारत की सबसे बड़ी अदालत है। लेकिन आखिर Uchch Nyayalay Ke Nyayadhish Ki Niyukti Kaun Karta Hai – उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है?
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है?
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श लेने के उपरांत ही उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है। यदि मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति करनी हो तो मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श लिया जाता है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कैसे बनते हैं?
यदि कोई व्यक्ति उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनना चाहता है तो उसमें निम्न योग्यताएं होनी चाहिए –
- वह व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए।
- न्यायाधीश बनने के लिए उम्मीदवार के पास लॉ की डिग्री होना आवश्यक है।
- उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए आवेदक की अधिकतम आयु 62 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।इस सम्बन्ध में कोई न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित नहीं की गयी है।
- उम्मीदवार के पास कम से कम 10 वर्ष का न्यायिक कार्य का अनुभव या फिर किसी उच्च न्यायालय में 10 वर्ष वकालत करने का अनुभव होना चाहिए।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जुड़े मुख्य तथ्य –
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अधिकतम आयु 62 वर्ष होती है। 62 बर्ष की उम्र तक इस पद पर राह सकता है।
- मुख्य न्यायाधीश का वेतन 90000 एवं अन्य न्यायाधीशों का वेतन 80000 होता है। जिसे संसद द्वारा निर्धारित किया जाता है।
- यह एक संवेधानिक पद है इसलिए इनकी नियुक्ति संविधान के अनुछेद 214 एवं 217 के तहत की जाती है।
FAQs
भारत में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसके लिए वे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श लेने के पश्चात् ही किसी को चुनते हैं।
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