इस भूमंडल का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से भरा है जोकि सूर्य प्रकाश के कारण वाष्पीकरण की प्रक्रिया से भाप बन कर उड़ जाता है। और वायुमंडल की जलवाष्प के संघनन से जो जलकण बनते है उनका दृश्यमान स्वरुप बादल कहलाता है। जब यह बादल ठन्डे हो जाते हैं तो इन्ही से वर्षा होती है। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि Badal Fatna Kya Hota Hai – बादल फटना क्या होता है एवं बादल कैसे फट जाते हैं क्या कारण होता है इनके फटने का?
बादल फटना क्या होता है?
Badal Fatna Kya Hota Hai: जब बादल अपनी सामान्य गति से पानी गिराने के स्थान पर अधिक तीव्रता से मुसलाधार वर्षा करते है तो उसे बादल फटना कहा जाता है। यह बारिश का सबसे उच्च स्तर है। जहाँ बादल फटता है वहां पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बादल फटने पर बारिश लगभग 100 मिलीमीटर प्रति घंटा की गति से होती है जो भारी तबाही का कारण बनती है। बादल का फटना एक पानी से भरे गुब्बारे के फूटने के समान है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!कैसे फटते हैं बादल?
जब बादल मानसून के समय जल के साथ आगे बढ़ते है और उनके मार्ग में कोई बाधा आ जाती है तो बादल फटने की संभावना अधिक हो जाती है। इस स्थिति में बादल के नीचे वाले क्षेत्र पर लाखों लीटर पानी एक साथ गिरता है। कभी-कभी गर्म हवा का झोंका भी बादल फटने का कारण बन जाता है। जो बादल की नमी को ख़तम कर देता है और बादल का सारा पानी एक साथ बरस जाता है। एसी ही एक घटना 26 जुलाई 2005 में मुंबई में हुई थी जिसमे बादल गर्म हवा के झोंके के कारण फटा था।
बंगाल की खाड़ी व अरब सागर से उठ कर उत्तर की ओर जाने वाले मानसून के बादलों के लिए हिमालय सबसे बड़ी बाधा है। भारत में सबसे अधिक बादल हिमाचल प्रदेश में फटते है।
FAQs
जब बादल अपनी सामान्य गति के स्थान पर बहुत ही तीव्र गति से पानी गिराने लगे और मूसलाधार वर्षा करने लगे तो उसे बादल फटना कहते हैं। यह होता तो कुछ ही मिनटों के लिए है परन्तु इतने में ही बाढ़ जैसी स्थिति उतपन्न हो जाती है।
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