भारत का इतिहास हजारो लाखो साल पुराना है यहाँ दुनिया का सबसे पुराना धर्म हिन्दू धर्म पाया जाता है। इस लेख में आप जानेगे कि भृगुकुलकेतु शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
भृगुकुलकेतु शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
भृगुकुलकेतु शब्द का प्रयोग परशुराम जी के लिए किया गया है। परशुराम जी को तुलसीदास जी ने अपनी रचना रामचरित्र मानस के राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद में भृगुकुलकेतु कह कर सम्बोधित किया है।
राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद का कारण यह है कि जब भगवान राम ने सीता स्वयंवरस में धनुष को भंग कर दिया था तभी वहा परशुराम आ पहुचे थे और क्रोथित हो गये थे क्योकि यह शिव धनुष था जिसे भगवान शिव ने परशुराम जी को सम्भालने के लिए दिया था पर भगवान राम ने उसे भंग कर दिया था क्रोधित परशुराम जब राम भगवान और उनके कुल को भला बुरा कहने लगे तभी लक्ष्मण ने उनका विरोध किया जिसके फलस्वरूप राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद हुआ था।
लक्ष्मण ने परशुराम से कहा था कि हमने बचपन में ऐसे कई धनुष तोड़े हैं जब तो हमे किसी ने नही टोका। आप इस धनुष को तोड़ने पर हमे क्यों टोक रहे हो।
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