आज का हमारा प्रश्न है जैन धर्म के संस्थापक कौन थे?
जैन धर्म के संस्थापक कौन थे
जैन धर्म प्राचीनतम धर्मो में से एक है जिसके संस्थापक ऋषभदेव भगवान ( आदिनाथ भगवान ) हैं। इस धर्म के प्रमुख तीर्थ सम्मेदशिखर, राजगिर, पावापुरी, गिरनार, शत्रुंजय, श्रवणबेलगोला है। भगवान ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर थे, अथर्ववेद, पुराणों, ग्रंन्थो मे ऋषभदेव का वर्णन मिलता है।
श्रमण परम्परा से निकले इस धर्म के बारे में पौराणिक साहित्यो में भी लिखा गया है। जो जिन के अनुयायी होते है उन्हें जैन कहा जाता है। जिन का अर्थ है जितने वाला अर्थात “जिसने मन को जीत लिया हो।” यह धर्म हमेशा से ही अहिंसा का पालन करता है, इनके खान पान में भी अनुशासन देखा जा सकता है। इस धर्म के अनुयायी अरिहन्त और सिद्ध को भगवान मानते है, जैन पन्थ के सभी तीर्थकर क्षत्रिय कुल में हुए थे और अधिकांश वैश्य लोग ही इसके अनुयायी हैं। जैन धर्म के बारें में हिन्दू धर्म की विष्णु पुराण में भी जिक्र है।
इस धर्म में क्रोध, मान, माया, लोभ को कषाय कहा गया है तथा अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह को महाव्रत कहा गया है।
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