कोहिनूर हीरा किसने चुराया?

कोहिनूर हीरा किसने चुराया? इसे श्रापित क्यों कहा जाता है?

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By Shubham Jadhav

आज हम एक बहुत ही रोचक कहानी आपके लिए लेकर आये हैं। यहां आप जानेंगे कि कोहिनूर हीरा किसने चुराया? इसे श्रापित क्यों कहा जाता है?

कोहिनूर का इतिहास

असंख्य हीरों के अस्तित्व के बावजूद, सबसे प्रसिद्ध हीरा कोहिनूर हीरा है। ऐसा माना जाता है कि शुरुआत में इसका वजन लगभग 793 कैरेट था, लेकिन वर्तमान में इसका वजन लगभग 105.6 कैरेट है। पुराने समय में, इसे विश्व स्तर पर सबसे बड़ा हीरा होने का खिताब प्राप्त था।

कोहिनूर हीरा, जो प्राचीन भारत के लिए गौरव का स्रोत था, भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में गोलकुंडा की खदानों में पाया गया था। इसे एक समय विश्व स्तर पर सबसे बड़ा हीरा माना जाता था। कोहिनूर, जिसका अर्थ “रोशनी का पहाड़” है, अपनी चमक के कारण कई सल्तनतों के पतन का कारण बना। ऐसा माना जाता है कि यह हीर श्रापित है, हालांकि इसे महिलाओं और संतों के लिए सौभाग्यशाली माना जाता है।

इसकी कीमत निर्धारित नही है, बिक्री या खरीद न होने के कारण इसकी कीमत का आधिकारिक खुलासा कभी नहीं किया गया। फिर भी अनौपचारिक अनुमान बताते हैं कि इस हीरे की कीमत लगभग 1 बिलियन डॉलर (8,000 करोड़ रुपये) है, जो वैश्विक स्तर पर किसी भी अन्य हीरे की कीमत से अधिक है।

कोहिनूर हीरा किसने चुराया?

नादिरशाह ने इस हीरे को लुटा था जो फिर महाराजा रणजीत सिंह के पास आ गया उनके वंशजों से अंग्रेजों ने लिया अब ब्रिटिश म्यूजियम में है।

श्रापित है कोहिनूर

इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया जो हीरे का मुकुट पहनती थीं, उसे केवल शाही परिवार की कोई महिला ही पहन सकती है, जैसा कि उनकी वसीयत में कहा गया है। इंग्लैंड की रानी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि कोहिनूर हीरा भी एक श्राप से जुड़ा था। इस श्राप में कहा गया था कि जिसके पास भी हीरा होगा वह दुनिया का शासक बन जाएगा, लेकिन उसे इसके साथ आने वाले दुर्भाग्य का भी सामना करना पड़ेगा।

FAQs

कोहिनूर हीरे का पहला मालिक कौन था?

महाराजा दलीप सिंह, कोहिनूर हीरे का पहला मालिक था।

कोहिनूर हेरा अभी किसके पास हैं?

ब्रिटेन के राजपरिवार के पास हमारा कोहिनूर हीरा है।

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