हमारा मन काफी चंचल होता है जिसपर नियंत्रण कर पाना काफी कठिन कार्य है। मन जब किसी चीज़ में न लगे तो वो ठीक से नहीं हो पाती और इसके विपरीत यदि मन किसी कार्य में रम जाये तो आसानी से उसे पूरा किया जा सकता है। मन एक ऐसा सागर है जिसमें विचार रूपी, कल्पना रूपी कई लहरें उठती रहती हैं जिनसे यह शांत नहीं रह पता और हर पल विचलित रहता है या चंचलता से भरे कार्य करता ही रहता है। जब तक आप इसे काबू में नहीं कर लेते या किसी एक चीज़ में पूरी तरह से फोकस नहीं लगा देते तब तक यह आपको विचलित करता रहता है और कई प्रकार के विचार उतपन्न करता रहता है मन की कल्पना से उतपन्न इन्हीं विचारों से सम्बंधित आज का हमारा पर्यायवाची शब्द है जो की है “मन की कल्पना से उत्पन्न का पर्यायवाची”
मन की कल्पना से उत्पन्न का पर्यायवाची
मन की कल्पना से उत्पन्न का पर्यायवाची – खयाल, विचार, चिंतन, अनुमान, सपना, स्वप्न इत्यादि।
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