आज का प्रश्न है कि नर्मदा को चीर कुंवारी नदी क्यों कहा जाता है समझाइए। अगर आप भी इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में है तो आप बिलकुल सही जगह पर आ पहुचे हैं यहाँ आपको बड़े आसान शब्दों में यह पता चल जाएगा कि नर्मदा को चीर कुंवारी नदी क्यों कहा जाता है।
नर्मदा को चीर कुंवारी नदी क्यों कहा जाता है समझाइए
नर्मदा की शादी शोण भद्र के साथ निश्चित कि गयी थी, शादी की सारी तेयारी होने के बाद जब विवाद मंडप का समय हुआ तभी नर्मदा को किसी ने आ कर कहा की उनके होने वाले पति शोण भद्र उसकी दासी जुहिला से प्रेम करते हैं (जुहिला नदी आज भी मंडला के पास बहती है) यह सुन कर नर्मदा मंडप से उठ कर उलटी दिशा की और भागने लगी आज भी नर्मदा सभी नदियों की तुलना में विपरीत बहती है साथ ही नर्मदा एक बिंदू विशेष से शोण भद्र से अलग होती दिखाई पड़ती है। इस नदी को गंगा नदी से ज्यादा पवित्र कहा गया है जो इस श्लोक के माध्यम से आपको समझाया गया है।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदा सिन्धु कावेरी जलेSस्मिन सन्निधिं कुरु।।
अर्थ – कनखल क्षेत्र में गंगा पवित्र है और कुरुक्षेत्र में सरस्वती। पर गांव हो चाहे वन, नर्मदा सर्वत्र पवित्र है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
- विश्व की सबसे लम्बी नदी कोन सी है?
- रोम किस नदी के किनारे बसा हुआ है
- भारत का शोक किस नदी को कहा जाता है?