हमारा मन इतना चंचल है कि उसके अंदर कई तरह के विचार जन्म लेते रहते है, आज हम इन विचारो की मदद से ही इंतना विकास कर रहे हैं, मन में उठाने वाले प्रश्न और आवश्यकता के चलते आज इतने अविष्कार सम्भव हुए हैं। हमारे मन के सम्बन्ध हमारे दिमाग से है और दिमाग में विचारो का आना जाना एक प्रक्रिया है जो दर्शाती हैं कि आप सोचने समझने की शक्ति रखते हैं और साथ ही आप बदलाव करने में समर्थ है। पर कई लोगों को विचार तो आते हैं पर वह नकारात्मक होते हैं जिससे की उनके जीवन पर काफी गहरा बुरा असर पड़ता है और वह किसी भी कार्य को करने से पहले हजार बार सोचते हैं, यहाँ तक की अच्छे अवसरों को भी गवा देते हैं।
हमें यह पता करना बेहद जरुरी है कि कही हम नकारात्मक विचारो से घीरे हुए तो नहीं है, क्योंकि कई बार लोगों को पता नहीं होता है कि उनके विचार नकारात्मक है और वह अपने विचारो को केवल एक पहलु की तरह देखते हैं और कभी इस बता को नहीं मानते हैं कि उनके विचार अधिकांश स्थितियों में नकारात्मक होते है। ऐसे लोग अपने नकारात्मक विचारो पर नियन्त्रण तक नहीं कर पाते हैं और नहीं कभी इस पर विचार करते हैं कि किस तरह इन विचारो को कम किया जा सके या सकारात्मकता में परिवर्तित किया जा सकें।
महान दार्शनिक ओशो ने दुःख और नकारात्मक विचारो पर कहा हैं कि “दुख पर ध्यान देंगे तो हेमशा दुखी रहेंगे, सुख पर ध्यान देना चाहिए। हम जिस पर ध्यान देते हैं, वही चीज हमें मिकने लगती है। ध्यान सबसे बड़ी कुंजी हैं “
यदि किसी भी व्यक्ति को लगातार नकारात्मक विचार आते हैं तो यह एक मानसिक स्थिति हो सकती है, नकारात्मक विचार आना जब तक साधारण है जब कि यह आपके जीवन को अधिक प्रभावित न करें। परन्तु यदि दिन में हर समय नकारात्मक विचार आपको घेरे रखते हैं तो यह जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। नकारात्मक विचार व्यक्ति को इस स्थिति में डाल देते हैं कि वह कभी भी लाभ नहीं देख पाता है और हर सम्भावना में उसे हानि ही नज़र आती है।
इस तरह कम करें नकारात्मक विचार
नेगेटिव थॉट्स को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह जीवन को सुरक्षित रखने और घटना से होने वाले नुकसानों से अवगत होने में मदद करते हैं। अगर हर परिस्थिति में नकारात्मक विचार आने लगे तो इनसे बचाने के प्रयास करना बेहद जरुरी है।
सकारात्मक पहलुओं पर पहले डाले नज़र
जब भी आप किसी काम को करना प्रारम्भ करें तो उसके सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान दें न कि नकारात्मक पर। सकारात्मक चीजो पर ध्यान देना ही सबसे पहला कदम है कि आप नकारात्मक विचारो से बच सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति के मन में सबसे पहले नकारात्मक विचार आते हैं तो उसे उन्हें नज़रन्दाज करना होगा और पहले लाभ पर ध्यान देना होगा, इसेक बाद स्वतः ही उसके नकारात्मक विचारों की संख्या कम हो जाएगी। मिलने वाले लाभ के बारे में विचार करने से होने वाली हानि का डर कम हो जाता है और नकारात्मक बातों पर कम ध्यान जाता है, हर महान व्यक्ति ऐसा ही करता है और जोखिम उठाने की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
रोजाना व्यायाम और योग करें
व्यायाम और योग कभी एकाएक लाभ नहीं पहुचाते है, इनसे मिलने वाले लाभ धीरे धीरे हो पता लगते हैं। व्यायाम और योग का असर हमारी शारीरिक और मानसिक दोनों स्थिति पर होता है, और जो व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करता है और योग करता है उसका शरीर तंदरुस्त तो रहता है उसका मन भी शुद्ध रहता है और उसके मन में कभी नकारात्मक विचार नहीं आते हैं। यदि किसी व्यक्ति को लगता हैं कि वह हमेशा डर, चिंता, अवसाद, अनिद्रा महसूस करता है तो उसे योग करना चाहिए क्योंकि यह मन को शांत रखने की शक्ति प्रदान करता है और विचारो को सही राह दिखाता है। आप व्यायाम में बहुत से ऐसे आसनों को जोड़ सकते हैं जो दिन भर आने वाले नकारात्मक विचारो को रोक सकते हैं और अपनी बुद्धि को शक्तिशाली बना सकते हैं।
- पद्मासन
- सिद्धासन
- स्वस्तिकासन
सकारात्मक किताबे पढ़ें
किताबे आपके जीवन पर गहरा असर डालती है, इसीलिए केवल सकारात्मक किताबे ही पढ़ें जो आपको जीवन में आगे बढ़ने, अपने कार्य क्षेत्र में उन्नति करने, और सकारात्मकता बनाए रखने में सहायता करें। किताब अपने विचारो को बदल सकती है और यदि व्यक्ति हमेशा नकारात्मक सोचता है तो एक अच्छी किताब का चयन उसके पुरे जीवन को बदल सकता है। किताबो को एक अच्छा मित्र माना जाता है जो आसानी से हमें सफल बना सकती है और संसार में सम्मान दिलवा सकती है, जीवन को आरामदायक और चिंता मुक्त कर सकती है।
उन लोगों के साथ रहें जो सकारात्मक रहते हैं
आपके विचारो पर उन लोगों का भी असर होता है जो आपके साथ रहते हैं, इसीलिए ऐसे लोगों के साथ रहें जो सकारात्मक विचारो पर ज्यादा ध्यान देते हैं नकी नकारात्मक विचारो पर। जिन लोगों में नकारात्मक विचारो को अधिकता होती है वह जीवन में सफल नहीं हो पाते हैं और नहीं उनके साथ रह रहे लोगों को सफल होने में किसी तरह की मदद कर पाते हैं। ऐसे लोगों से निश्चित दूरी बनाए और नए लोगों की तलाश करें जो सकारत्मक हो और आपकी सकारात्मक रहने में मदद करें।