पितृ दोष क्यों होता है


बहुत से लोगो को यह नही पता है कि पितृ दोष क्यों होता है? अगर आप भी नही जानते हैं कि पितृ दोष क्या है और क्या है इसका कारण और निवारण तो इस लेख को जरुर पढ़े।

पितृ दोष क्यों होता है

अगर कुंडली में राहु केंद्र में स्थित हो या नकारात्मक स्थित में हों तो पितृ दोष होता है, या फिर राहु का सम्बन्ध कुंडली में सूर्य और चंद्र ग्रह से हो तब भी पितृ दोष ही होता है। पितृ दोष में किसी व्यक्ति के पूर्वज अपने वर्तमान स्थिति से नाखुश या फिर असंतुष्ट हो सकते हैं और उनके जीवन में समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। माना जाता है कि यह दोष तब होता है जब पूर्वजों को ठीक से सम्मानित नहीं किया गया हो या फिर उनके प्रति कोई गलत काम किया गया हो जैसे अनादर या फिर उनकी मृत्यु के बाद पिंड दान नही किया गया हो।

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आत्माएं मृत्यु के बाद भी मौजूद रहती हैं और उनके पास की के जीवन को प्रभावित करने की शक्ति होती है। यह दोष किसी व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं पैदा कर सकता है, पितृ दोष को ठीक करने के लिए पूर्वजों से क्षमा मांगे, पितरों की फोटो दक्षिण दिशा की ओर लगाएं, पीपल के पेड़ पर दोपहर के समय जल चढ़ाएं, कपड़ो का अन्न का दान करें आदि। ऐसा माना जाता है कि इन अनुष्ठानों को करने से पितृ प्रसन्न होंगे और पितृ दोष का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है। पितृपक्ष में पितरों के लिए श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष मिल जाता है अगर पितृपक्ष चल रहा है तो अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध और तर्पण करें।

कुंडली में पितृदोष के नुकसान

  • मानसिक परेशानी
  • पारिवारिक विवाद
  • परीक्षाओं में लगातार असफलता
  • संतान प्राप्ति की समस्या
  • स्वयं निर्णय लेने में बहुत परेशानी आदि।

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