पितृ पक्ष 16 दिन की वह अवधि होती है जिसमें हिन्दू लोग अपने पितरों अर्थात अपने पूर्वज जो अब इस दुनिया में नही रहे, को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं और उनके निमित्त पिण्डदान करते हैं। इसे ‘सोलह श्राद्ध’, ‘महालय पक्ष’, ‘अपर पक्ष’ आदि नामों से भी जाना जाता है। बहुत से लोगों का सवाल है कि पितृ पक्ष में भगवान की पूजा करना चाहिए या नहीं? तो आज हम आपको इस बारे में बातएंगे।
पितृ पक्ष में भगवान की पूजा करना चाहिए या नहीं?
घर के पूर्वजों की पूजा भगवान के साथ नहीं करना चाहिए। हमारे हिन्दू धर्म में मृत पूर्वजों को पितृ माना जाता है। पितृ को पूजनीय अवश्य माना जाता है और इसमें कोई संशय भी नहीं है, लेकिन भगवान के साथ पितरों की पूजा का विधान नहीं है। हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ क्र अनुसार प्रतिदिन भगवान की पूजा अर्चना करना चाहिए। आप पितृ पक्ष में भगवान की पूजा कर सकते हैं, लेकिन पितरों की पूजा और भगवान की पूजा अलग अलग करे।
FAQs
पितृ पक्ष में आप हर दिन की भगवान की पूजा कर सकते हैं।
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