सनातन धर्म में तीन प्रमुख देव हैं भगवान विष्णु, शंकर और ब्रह्मा जी। इन तीनों प्रमुख देवो में से भगवान विष्णु को इस संसार का संचालक माना गया है, तथा यह अनंत चतुर्दशी का दिन विष्णु जी को ही समर्पित है। हर साल अनंत चतुर्दशी भादो माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है तथा इस वर्ष यानिकी 2023 में अनंत चतुर्दशी 28 सितम्बर को मनाई जाएगी इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है तथा ऐसा माना जाता है कि गणेश जी हमारे सारे दुःख दर्द अपने साथ ले जाते हैं तथा पुरे वर्ष के लिए हमें अनंत खुशियाँ दे जाते हैं इसीलिए 10 दिन बड़ी धूम धाम से उनकी पूजा अर्चना होती है तथा ढोल ताशो के साथ उन्हें विसर्जित किया जाता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि अनंत चतुर्दशी क्यों मनाते हैं तथा इस दिन का हिन्दू मान्यताओं के अनुसार क्या महत्व है तो आपको यह लेख को अंत तक पढ़ना चाहिए इसमें आपको इन सभी प्रश्नों के उत्तर मिल जाएँगे।
अनंत चतुर्दशी क्यों मनाते हैं?
हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु को इस सृष्टि का संचालक माना गया है, तथा पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय की बात है भगवान विष्णु ने इस संसार में उपस्थित 14 लोको की रक्षा के लिए 14 रूप धारण किये थे तथा विष्णु जी के इन्ही रूपों को अनंत रूप कहा जाता है, भगवान विष्णु ने इसी चतुर्दशी पर यह रूप धारण किये थे इसीलिए इस चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहते हैं।
इस दिन 14 गांठ वाला सूत्र कलाई पर बांधा जाता है तथा पुरुष इसे बाएँ हाथ में व महिलाऐं इसे दाएं हाथ में बांधती हैं इसे अनंत सूत्र कहा जाता है तथा इसमें भगवान विष्णु के सभी 14 रूपों का स्थान होता है। इसके धारण करने से सारे दुःख दर्द खत्म हो जाते हैं, तथा भगवान की कृपा बनी रहती है, इस सूत्र को इस पावन अवसर पर धारण किया जाता है।

अनंत चतुर्दशी पूजा का महत्व
इस दिन भगवान के अनंत स्वरूपों की पूजा की जाती है, इस दिन पूजा सुबह जल्दी उठ जाएँ और स्नान करें, इसके बाद में मन्दिर में जाएँ और पूजा प्रारम्भ करें, तथा कलश में एक बर्तन रखकर इसमें कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करें, तथा 14 गाठो का सूत्र तैयार करें और उसे भगवान के सामने रखें, इसके बाद भगवान को हल्दी कुमकुम अर्पित करें तथा पूजा प्रारम्भ करें, इस दिन अनंत चतुर्दशी की कथा का पाठ और ब्राह्मण भोज भी करवाएं।
पुरे विधि विधान से पूजा पाठ करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं तथा भक्त की सारी समस्याओं को खत्म कर देते हैं, इसदिन विष्णु सहस्त्र नाम स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से वर्तमान में चल रही समस्याओं का अंत तो होता हैं भविष्य में भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती है। भगवान अपने भक्त की रक्षा करते हैं और उस पर किसी प्रकार का संकट नहीं आने देता है।
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