समास के कितने भेद होते हैं – Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain?


नमस्कार दोस्तों ! हिंदी भाषा को यदि विस्तार से समझा जाए तो वह भी एक जटिल भाषा ही प्रतीत होती है जिसमे अलंकार, समास, सर्वनाम, विश्लेषण आदि होते है। यह हमारी मातृभाषा भी है। आईये जानते हैं कि समास के कितने भेद होते हैं – Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain

समास किसे कहते हैं?

समास के भागो को समझने से पहले हमे यह जानना होगा ही समास किसे कहते है? समास हिंदी व्याकरण का वह मुख्य हिस्सा है जो संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण की तरह ही महत्व रखता है। समास छः प्रकार के होते है अव्यवीभाव , कर्मधारय , द्विगु, द्वन्द्व, तत्पुरुष, बहुव्रीहि समास। समास की रचना मे दो पद पाए जाते हैं पूर्वपद और उत्तरपद। आसन भाषा में कहा जाए तो दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया शब्द बनता है वो समास कहलाता है।

समास के कितने भेद होते हैं – Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain?

समास के कुल छः भेद होते है।

  • अव्ययीभाव समास (Extravagance)
  • तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)
  • कर्मधारय समास (Karmdharay Samas)
  • बहुव्रीहि समास (Polyglot Samas)
  • द्विगु समास (Double Bond)
  • द्वन्द समास (Dwand Samas)

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