संपादकीय किसे कहते हैं

संपादकीय किसे कहते हैं? तथा क्यों होता है अख़बारों में संपादकीय लेख

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By Shubham Jadhav

अख़बार पढ़ने से दुनिया में घट रही घटाओं और गतिविधियों के बारें में जानकारी मिलती है, जिससे व्यक्ति को जानकारी रहती है कि दुनिया में क्या घट रहा है तथा इन घटनाओं तथा गतिविधियों से उसका जीवन किस तरह प्रभावित हो सकता है। अखबार में क्षेत्रीय, राष्ट्रिय और अंतराष्ट्रीय सभी तरह की ख़बरें होती हैं और साथ ही सामान्य ज्ञान से सम्बन्धित लेख भी होते हैं जो ज्ञान को बढ़ाते हैं, इसीलिए कहा जाता है कि प्रतिदिन अखबार पढ़ना चाहिए ताकि हम जरुरी जानकारियों से अवगत रहें। जो व्यक्ति प्रतिदिन अख़बार पढ़ता है उसमे जरुर अख़बार में संपादकीय लेख पढ़ें होंगे, क्या आप जानते हैं कि संपादकीय किसे कहते हैं?

संपादकीय किसे कहते हैं?

अख़बार में एक जगह संपादकीय लेख के लिए रखी जाती है, जिसमे एक आकर्षक लेख लिखा जाता है जो किसी भी विषय या घटना पर हो सकता है। इस लेख के माध्यम से समाचार पत्र की विचारधारा का पता लगता है। इस लेख के अंत में यह सम्पादित नहीं किया जाता है कि यह लेख किसने लिखा है, साथ ही सम्पादक को इसकी स्वतंत्र होती है कि वह अपने विचार प्रकट कर रहें, मुख्यतः यह लेख संपादक या उप संपादक लिखते हैं। इस लेख को संपादक द्वारा मंजूरी दी जाना जरुरी है उसी के बाद यह प्रकाशित होता है।

यह लेख ज्यादा बड़े और छोटे नहीं होते हैं, इसमें मुख्यतः 1000 शब्द हो सकते हैं, यह लेख कुछ इस तरह लिखे जाते हैं कि पाठक कम शब्दों में ही विषय को समझ जाते हैं। इसमें सरल भाषाशैली का उपयोग होता है तथा सम्पादक अपनी भाषाशैली का उपयोग करता है और अपने व्यक्तिगत विचार तथा दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

संपादकीय लेख में देश की समस्याओं, घटनाओं के बारें में लिखा जाता है, जिसमे आतंकवादी हमलों, चुनाव, दुर्घटना, अपराध, फिल्म, घोटाला आदि को लेकर लिखा जाता है जो वर्तमान में सबसे ज्यादा अख़बारों में जगह बनाएं हुए होता है। इसके सम्पादक अपने नजरिये से लिखता है इसीलिए कई पाठकों के विचार इसके विरुद्ध हो सकते हैं।

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