शस्य गहनता क्या है

शस्य गहनता से आप क्या समझते हैं?

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By Shubham Jadhav

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर आधारित है। इसलिए कृषि अर्थव्यवस्था का मुख्य हिस्सा मानी गयी है, कृषि के के बिना देश में खाद्य पदार्थो की कमी हो सकती है इसीलिए कृषि खाद्य उत्पादन का मुख्य स्तम्भ है। सरकारें कई वर्षो से कृषि को और सरल बनाने तथा किसानों को आवश्यक चीजे मुहिया कराने का कार्य कर रही है परन्तु किसानो की स्तिथि आज भी नहीं सुधरी है। हर साल कई किसान कर्ज के कारण आत्महत्या कर रहें हैं जिसका एक कारण कही न कही सरकारी योजनाओं का सही से उन तक नहीं पहुचना है। शस्य गहनता शब्द कृषि से सम्बन्धित है आइयें जाने कि शस्य गहनता क्या है?

शस्य गहनता क्या है?

शस्य गहनता का अर्थ होता है एक निश्चित क्षेत्र में साल में की जाने वाली फसलों की संख्या। आसान शब्दों में समझे तो शस्य गहनता एक सुचनांक है, जिसके द्वारा यह पता लगता है कि भूमि पर एक वर्ष में कितनी फसलें उत्पादित होती है, यहाँ फसल की मात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ता है, यहाँ फसलों की संख्या जिम्मेदार होती है। यदि कोई किसान उसकी भूमि पर साल में केवल ही फसल करता है तो उसकी गहनता 100 मानी जाएगी और यदि कोई वर्ष में एक निश्चित भूमि पर 2 फसल करता है तो उसकी शस्य गहनता 200 मानी जाएगी। पर यदि कोई किसान कोई किसान 2 वर्ष में एक भूमि पर 3 फसल करता है तो उसकी शस्य गहनता 150 होगी क्योकि शस्य गहनता एक वर्ष के आधार पर ही निकाली जाती है।

प्रभावित करने वाले कारक

शस्य गहनता कई कारकों पर निर्भर है जैसे भूमि की गुणवता, सिचाईं की व्यवस्था, मौसम, उपकरण, देखभाल आदि। यदि भूमि की गुणवता ठीक नहीं है तो फसल देरी से बढती है, यदि कृत्रिम सिचाई की व्यवस्था ठीक नहीं है तो फसल बर्बाद भी हो जाती है या फिर उसको उगने में अधिक समय लग सकता है। मौसम भी शस्य गहनता को प्रभावित करता है क्योकि मौसम अनुकूल न हो तो वर्ष में केवल एक ही फसल हो पाती है। किसान एक पास यदि आधुनिक उपकरण है तो वह आसानी से और शीघ्र ही फसल की बुआई और कटाई कर सकता है तथा वर्ष में एक से अधिक फसल कर सकता है।

शस्य गहनता को उच्च रखने के लिए सरकारें किसानो को सिंचाई की सुविधा, आधुनिक उपकरण, कर्ज माफ़ी, सस्ते दामों पर बीज खाद मुहिया करवा सकती है, तथा भूमि गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मिट्टी परीक्षण की प्रदान कर सकती है, मिट्टी की गुणवता बढाने के लिए मुख्य रूप से खाद का उपयोग होता है जिससे मिट्टी से पानी जल्दी वाष्पित नहीं होता है। कई राज्यों में किसानो को इन मेसे कई सुविधाएँ मिल रही पर इसे पुरे देश में लागू करना चाहिए।

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