हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों का अत्यधिक महत्व है। कह सकते हैं कि किसी व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन इन्हीं सोलह संस्कारों में शुरू होकर खत्म हो जाता है। प्रथम संस्कार है गर्भाधान संस्कार जिससे शिशु की उत्पत्ति का आरम्भ होता है उसके पश्चात् पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म एवं अन्य संस्कार होते हैं। जब मनुष्य का जीवन समाप्त हो जाता है तो सबसे आखिरी संस्कार होता है अंत्येष्टि संस्कार, जिसे अंतिम संस्कार भी कहा जाता है। अपनों का बिछड़ना काफी दुखदायी होता है और उन्हें दूसरे लोक में भी कोई दुःख ना भोगना पड़े इसलिए अंतिम संस्कार के पश्चात भी कुछ विधि-विधान किये जाते हैं। जिनमें ग्यारहवां, तेरहवी, मृत्युभोज, पिंडदान आदि शामिल हैं। तेरहवी आदि के कार्यक्रमों पर रिश्तेदारों इत्यादि को बुलाने के लिए एक कार्ड बनवाया जाता है जिसे शोक सन्देश या शोक पत्र कहा जाता है। यहां आपको शोक संदेश मैटर मिल जायेगा जिसके जरिये आप घर बैठे या तो शोक पत्र बना सकते हैं या फिर एक मेटर बना कर प्रिंट के लिए भेज सकते हैं।
शोक संदेश मैटर
मृत्यु के बाद शोक संदेश जो बनाया जाता है वो हर वर्ण का अपना अलग-अलग होता है। कहीं पर बारहवे दिन पगड़ी और नुक्ता/मृत्यु भोज/ब्राह्मण भोज करवा दिया जाता है तो कहीं यह तेरहवे पर किया जाता है। हम कोशिश करेंगे यहाँ आपको एक प्रॉपर कार्ड मिल जाये लेकिन हाँ एक बार अपने परिजनों से विचार विमर्श कर लें ताकि कोई गड़बड़ी न हो।
शोक संदेश मैटर 1
शोक सन्देश
श्रीमान ……………………………………………………………………
अत्यंत दुःख के साथ सूचित करने में आता है कि …………………….. के बड़े भाई, …………………….. के पूज्य पिताजी एवं …………………….. के दादाजी का स्वर्गवास दिनांक …………………….. को हो गया है। जिनकी आत्मशांति हेतु उत्तरकार्य निम्नानुसार रखा गया है।
कार्यक्रम
दशाकर्म दिनांक ……………………..
पगड़ी एवं अन्नदान दिनांक ……………………..
समय ……………………..
कार्यस्थल ……………………..
शोकाकुल परिवार
…………………………
……………………….
……………………….
शोक संदेश मैटर 2
नोट – यदि आपको व्हाट्सएप पर भेजने के लिए शोक पत्र बनवाना है तो आप हमें 9111266672 पर संपर्क कर सकते हैं। हम आपको JPG या PDF फॉर्मेट में व्हाट्सप्प पर भेजने के लिए सन्देश बना कर दे देंगे। वह कुछ इस प्रकार से होगा। यदि आप मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र से हैं तो आपको हम प्रिंटिंग सुविधा भी उपलब्ध करवा देंगे।
आत्मा का परमात्मा में विलीन होना विधि का विधान है। इसी विधानानुसार की …………………………… धर्मपत्नी एवं ………………………. की पूज्य माताजी श्रीमती ………………………. का प्रभुमिलन दिनांक ………………………. को होगया है। जिनकी आत्मशांति हेतु उत्तराकार्य निम्नानुसार रखा गया है।
कार्यक्रम
आरती एवं भजन ……………………….
भोजन प्रसादी ……………………….
समय ……………………….
कार्यस्थल ……………………….
नोट – पगड़ी प्रथा बंद है।
शोक संतृप्त
……………………….
……………………….
……………………….
शोक पत्रिका मैटर 3
अत्यंत दुःख के साथ सूचित किया जाता है कि ………………………. के पूज्यनीय पिताजी, ……………………….के अंकल एवं ………………………. के दादाजी श्री ………………………. का दिनांक ………………………. को प्रभु मिलन हो गया है। जिनकी आत्मशांति हेतु उत्तरकार्य निम्नानुसार रखा गया है।
कार्यक्रम
दशाकर्म (घाटा) ……………………….
पगड़ी एवं अन्नदान ……………………….
समय ……………………….
कार्यस्थल ……………………….
नोट – पगड़ी प्रथा बंद है।
शोकाकुल परिवार
……………………….
……………………….
……………………….
विनीत
……………………….
……………………….
……………………….
आशा है इसके द्वारा आपको शोक पत्र का मैटर बनाने में आसानी होगी। यदि आपको कोई समस्या आती है तो आप हमें संपर्क कर सकते हैं। हम आपको PDF या JPG फाइल में शोक पत्र बनाकर दे सकते हैं। दिवंगत आत्मा को शांति मिले यही हमारी कामना है।
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