सस्पेंड और बर्खास्त में क्या अंतर है

ये होता है सस्पेंड और बर्खास्त में अंतर! अभी जानिये…

No Comments

Photo of author

By Shubham Jadhav

जब आप कोई नौकरी करते हैं या नौकरी करने के बारे में पढ़ते हैं तो कई ऐसे शब्द (टर्म्स) आते हैं जिनको आप ठीक से समझ नहीं पाते या फिर कंफ्यूज हो जाते हैं कि इस शब्द का अर्थ क्या होता होगा? ऐसे ही 2 टर्म्स हैं जो कॉर्पोरेट जगत में इस्तेमाल होते हैं। सस्पेंड और बर्खास्त आखिर ये क्या होते हैं? सबसे पहले आपको बता दें के सस्पेंड (Suspend) का अर्थ होता है निलंबित और बर्खास्त का अर्थ होता है डिसमिस (Dismiss), कईं लोग यह समझते हैं कि सस्पेंड करना मतलब नौकरी से निकाल देना परन्तु ऐसा नहीं है। आज हम संक्षिप्त में जानेंगे कि सस्पेंड और बर्खास्त में क्या अंतर है?

सस्पेंड और बर्खास्त में क्या अंतर है? Difference Between Suspend and Dismiss

हम आज आपको सस्पेंड और बर्खास्त का अंतर बताने वाले हैं इसके अर्थ से ही आप स्वयं समझ जाएंगे कि इन दोनों में क्या अंतर है?

निलंबित या ससपेंड का अर्थ

किसी भी कर्मचारी के निलंबित होने पर उसे वह नौकरी फिर से प्राप्त हो सकती है। निलंबित करने का अर्थ नौकरी से हटाना नहीं बल्कि कुछ समय के लिए नौकरी से निकाल देना होता है जो कि उस कर्मचारी पर लगे किसी आरोप के कारण किया जाता है। कुछ समय के लिए किसी कर्मचारी को निकालने की इस क्रिया को निलंबित करना या सस्पेंड करना कहते है।

बर्खास्त या डिसमिस का अर्थ

जब कोई कर्मचारी डिसमिस किया जाता है तो उसे निलंबन की तरह आधा वेतन नहीं मिलता है। बर्खास्त किये कर्मचारी को पी.एफ. भी नहीं दिया जाता, उसे सिर्फ ग्रेजुएटी ही मिलती है। किसी भी कर्मचारी को बर्खास्त करने का अधिकार उस डिपार्टमेंट के सबसे बड़े अधिकारी को होता है। बर्खास्त का सीधा सीधा तात्पर्य है कि उसे नौकरी से सीधा निकाल दिया गया है।

आशा करते हैं कि अब आप समझ गए होंगे कि सस्पेंड और बर्खास्त क्या होता है और इन दोनों में अंतर क्या है। ऐसे ही जानकारी पाने के लिए ज्ञानग्रंथ से जुड़े रहिये।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

1Shares

Leave a Comment