Top 100 Narazgi Shayari in Hindi


हर रिश्ते में प्यार और तकरार होती रहती है पर एक मजबूत रिश्ता कभी इन वजहों से नहीं टूटता है कि कोई एक नाराज़ हो जाता है। इसीलिए नाराज़गी और मनाना हर रिश्ते में कभी न कभी जरुर आते हैं। नाराज़गी उसी से होती है जिसे हम अपना मानते हैं वरना परायों से कौन नाराज़ होता है। अगर आप नाराज़गी शायरी की तलाश में है तो इस लेख में आपको बहुत सी नाराज़गी शायरी (Narazgi Shayari in Hindi) मिल जाएंगी जिन्हें आप आसानी से कॉपी कर कही पर भी शेयर कर सकते हैं।

Top 100 Narazgi Shayari in Hindi

Narazgi shayari for whatsapp
मेरी नाराज़गी को मेरी
बेवफ़ाई मत समझना,
नाराज़ भी उसी से होते है
जिससे बेइंतिहा मोहब्बत हो।

कुछ🤔 इस तरह वो🤔
रिश्तों🤗 की नुमाइश😇 करती है
खुदको 👍अच्छी दिखाने 😌k लिए
वो 🤫अक्सर मेरी😌 बुराई करती है💯💯💯

ग़ुस्सा करो बेशक़ करो कोई बात नहीं,
लेकिन याद रखना तुम्हारे सिवा मेरा कोई यार नहीं।

जब तड़पेगी तू प्यास से
तूझे वो बादल याद आएगा
जब छोड़ जाएगा तूझे वो
तब तूझे ये पागल याद आएगा !

तुम्हारे साथ में गुजरा
हर लम्हा मुझे याद आता है
तुम्हारी नाराजगी देखकर
ये दिल टूट जाता है.!!

Narazgi ki shayari
नाराज़गी है न जाने फिर भी ये दिल क्या चाहता है,
ख्याल तुम्हारा अक्सर रूठने के बाद भी आता है।

सच्चे प्यार की यहीं निशानी है,
नाराज़गी से दूर उनकीं अलग एक कहानी है।

तुम्हें दिल से चाहा था हमने
मगर तुम हुए ना हमारे
हम ही से ही ये बेरुखी क्यों,
सभी दोस्त है तुमको प्यारे।

तुम भी 🤔online मैं 😇भी online👍
छुप 😌छुपकर देख😇 रहे है
नो ❌typing नो typing ❌

तू एक नज़र हम को देख ले
बस इस आस में कब से बेकरार बैठे है !

Narazgi ki shayari
कुछ नाराज़गी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती हैं,
समझने समझाने से नहीं।

जब नफरत करते थक जाओ
एक मौका प्यार को भी दे देना !

मैं चुप हुआ तो ये दिल रोने लगा,
तू नाराज़ क्या हुआ मेरी दुनियाँ ही बदल गयी !!

नाराजगी का ये दर्द अब सहा नहीं जाता,
बिन तेरे अब एक पल भी अब रहा नहीं जाता।

जैसे मैं तुम्हारी हर नाराजगी समझता हूं,
काश वैसे ही तुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते।

आज कल एक ख़ामोश आवाज़ हूँ मैं,
क्योंकि खुद से ही नाराज़ हूँ मैं।

Narazgi ki shayari
मुझको छोङने की वजह तो बता देते..
मुझसे नाराज़ थे या..मुझ जैसे हज़ारों थे..

अच्छे पानी को ख़राब कर देती है,
एक ग़लतफ़हमी सब ख़राब कर देती है।

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया,
तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।

तुम हमसे फासले बरकरार ही रखना
तुम पर अब लिखने की तैयारी है…
आखों के करीब रख किताबे लिखी-पढ़ी नही जाती
उसके लिए कुछ फासलें बहुत जरूरी है..

तेरे हुस्न पे मर गए थे हम,
काश तेरा दिल पहले देख लिया होता !!

किसी को मनाने से पहले, ये ज़रूर जान लेना,
कि वो शख्स तुमसे नाराज़ है या परेशान।

तेरी मोहब्बत की तालाब थी तो हाथ फैला दिए हमने
वरना हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं मांगते

शिकवा तो एक छेड़ है लेकिन हकीकतन
तेरा सितम भी तेरी इनायत से कम नहीं।

मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते,
मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ारों थे।

खामोशियां ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं।

हुस्न और इश्क का हर नाज़ है पर्दे में अभी,
अपनी नजरों की शिकायत किसे पेश करूं

कभी धुप कभी बरसात होती है
जब जब मेहबूबा नाराज़ होती है।

सारा जहाँ चुपचाप है..
आहटें ना साज़ है……..
क्यों हवा ठहरी हुई है……..
आप क्या नाराज़ है…….!!!

बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले
कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से

हिम्मत 👍बहुत की है😁 मैंने 👍
तुम्हे 🤔भुलाने की😌
पर😜 कम्बक्त इश😇 दिल से
अव तक 🤔नहीं निकाल🤫 पाया हूं मै
हा😇 तुम्हे नहीं ❌भूल पाया हूं मै

मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां
मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं

मजबूरी ये भी है की तुझे छोड़ नहीं सकते,
वरना वो हवा भी क़बूल नहीं जो तुझे छू के आयी हो !!

सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है
अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता |

तुझसे नहीं तेरे वक्त से नाराज़ हूँ मैं
जो तुझे कभी मेरे लिए मिला ही नहीं।

कभी कभी की नाराज़गी प्यार बढ़ा देती है,
लेकिन हर दिन की नाराज़गी मान घटा देती है।

सिमट कर रह जाती है कुछ भावनायें खुद-ब-खुद,
जहाँ परवाह न हो नाराज़गियों की वहाँ शिकायतें भी नही होती,,,,!!

आज तो दिल भी धमकियाँ दे रहा है
करो याद उसे वरना धड़कना छोड़ दूंगा !

अब पूछते भी नहीं की बात क्यों नहीं करते,
इतनी नाराज़गी भी ठीक नहीं सनम।

पहले थे क्या.. क्या से क्या हो गए,
ज़रा सी नाराज़गी से हम जुदा हो गयी।

नाराज़गी भी है लेकिन किसको दिखाऊं
प्यार भी है लेकिन किससे जताऊँ
वो रिश्ता ही क्या जिसमे भरोसा ही नहीं,
अब उन पर हक़ ही नहीं कैसे बताऊं।

नाराज़गी कभी वहां मत
रखियेगा जहाँ खुद आपको
बताना पड़े की आप नाराज़ हो।

नाराज़गी हो तो जता लेना,
लेकिन नफ़रत न करना,
चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना,
बस बेवफाई न करना।

किस बात पे खफा हो, नाराज लग रहे हो,
लगते हो जैसे हरदम, ना आज लग रहे हो।

तुम हैरान हो मेरे चुप रहने पर,
मेरी खामोशियों का इलज़ाम है तुम पर !!

Narazgi ki shayari
हमारे बीच अब कहाँ वैसी बात होती है,
कभी मैं नाराज़ रहता हूँ, कभो वो नाराज़ होती है।

हमें कहाँ है सलीका नाराज़ होने का,
वो मुस्कुरा भी जाते तो हम मान जाते।

चाँद के बिना चाँदनी अधूरी होती है,
नाराज़गी ना हो तो मोहब्बत अधूरी होती है।

हर बात तेरी ख़ामोशी से मान लेना,
ये भी मेरा एक तरीका है नाराज़गी जताने का।

वो शख्स कुछ नाराज़ सा था मुझ से,
शायद नाराजगी के साथ अकेले घर जा रहा था,
चेहरा भी कुछ खामोश सा था उसका,
लेकिन शोर उसकी आंखो में नजर आ रहा था।

मोहब्बत की ये भी एक शर्त है साहेब,
सबकुछ पा कर सबकुछ खोना पड़ता है !!

जब भी नाराजगी हमारे दरम्यान आई,
प्यार से एक-दूसरे को मनाया हमने,
और फिर हमारे चेहरे पर मुस्कान छाई।

ना जाने किस बात पे आप नाराज है हमसे,
ख्वाबों मे भी मिलते है तो बात नही करते।

सितम हमारे सारे छांट लिए करो,
नाराज़ होने से अच्छा हमे डांट लिया करो।

नाराज़गी भी मोहब्बत की बुनियाद
होती हे,मुलाक़ात से भी प्यारी किसी
की याद होती हे..

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे,
जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता,
मेरे नाराजगी से क्या होगा।

नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है,
तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है,
हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो,
चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जचता है।

कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हमसे
मिलना पड़ेगा कभी न कभी ज़रूर हमसे
नज़रे चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से !

दो बातें प्यार की तू भी बोले हमे मनाते हुए,
इस चक्कर में कबसे नाराज़ बैठे है।

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हे,
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना।

हर🙄 बात खामोशी 🤫से मान लेना..👍
यह भी 🤔अंदाज़ होता😇 है नाराज़गी का😌

नाराज तो हम पहले भी हुआ करते थे
बस फर्क इतना है पहले तुम मना लिया
करते थे और अब तुम्हे हमारी नाराजगी
की खबर भी नहीं होती।

फोन कर के रो रहा था मै उसको
सुनो तुम्हारी याद आ रही है
उसने फोन यह कह के काट दिया
सुनो तुम्हारी आवाज़ खराब आ रही है !

नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मै
मुहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हु मै !

जिंदगी की नाराजगी लगता है,
मुझसे खत्म हीं नहीं होगी,
जिसे हद से ज्यादा चाहा,
वो कभी मेरी नहीं होगी।

तेरी यादो के बवंडर में
रोज खुद को खो दिया करती हूं
जब भी याद आती है
तुम्हारी तो रो दिया करती हूं..!

नाराजगी जिंदगी से हो जाये,
तो भी इससे रूठा नहीं करते,
छोटी सी बात पर,
यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते।

इतना🤔 तो बता 😅जाओ
खफा😅 होने से पहले😜
वो🤔 क्या करे😜 जो तुम
से खफा😜 हो नहीं❌ सकते !!

नाराज हूँ मै उससे उसने मनाया भी नही
वो लोगो से कहता फिरता है बेवफा हूँ मै !

उसे किसी से मोहब्बत थी और वो मैं नहीं था
ये बात मुझसे ज्यादा उसे रुलाती थी

ज़िन्दगी का ये हूनर भी आज़माना चाहिए
जंग अगर अपनो से हो तो हार जाना चाहिए !

नाराजगी मुझसे कुछ ऐसे भी जताती है वो,
खफा जिस रोज हो जाती है काजल नहीं लगाती है वो।

मेरे बस में नहीं वरना कुदरत का लिखा हुआ काटता
तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दूसरा काटता

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