आज हम लेकर आये हैं वात्सल्य रस से जुडी जानकारियाँ जैसे वात्सल्य रस किसे कहते हैं? और वात्सल्य रस के सम्राट का क्या नाम है?
वात्सल्य रस किसे कहते हैं?
वात्सल्य रस का भाव स्थायी भाव अनुराग होता है, जब स्नेह का भाव परिपुष्ट होता है तब वात्सल्य रस कहलाता है। श्रृंगार रस तथा अन्य रसों में जहां अनेक प्रकार के प्रेम नायक-नायिका आदि का भेद होता है। इस रस के अंतर्गत प्रेम भाव आनंद से उत्पन्न होने वाले भाव प्रेम को वात्सल्य रस कहते हैं। जैसे माता का पुत्र के प्रति प्रेम, बड़ों का बच्चों के प्रति प्रेम, गुरुओं का शिष्य के प्रति प्रेम, बड़े भाई का छोटे भाई के प्रति प्रेम आदि।
वात्सल्य रस के सम्राट का क्या नाम है?
वात्सल्य रस के सम्राट सूरदास जी को कहा गया है। सूरदास जी हिन्दी के भक्तिकाल के कवि थे इन्हें हिंदी साहित्य का सूर्य भी कहा जाता है। इनका जन्म 1478 ई में मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित रुनकता में हुआ था। यह एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे तथा यह बचपन से ही विद्द्वान थे परन्तु यह अंधे भी थे। यह बचपन से अंधे थे या नही इस सन्दर्भ में सभी के अलग अलग मत है।
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