विद्यापति ने अनेक ग्रंथो की रचना कि थी, वे अवहट्ट और मैथिली भाषा में भी ग्रंथो की रचना करते थे, खास कर वे संस्कृत का प्रयोग किया करते थे। क्या आप जानते है की विद्यापति किस काल के कवि थे (Vidyapati Kis Kaal Ke Kavi The) अगर नही तो आइये जानते हैं विद्यापति के बारें में कि उनका जन्म कब हुआ था? और वे किस काल के कवि थे? आदि ।
विद्यापति
विद्यापति जी का जन्म 1352 में हुआ था। इनका जन्म उत्तरी बिहार के मिथिली के जिले मधुबन में हुआ था। इनके पिता का नाम गणपति ठाकुर था, यह शैव ब्राह्मण परिवार से थे। इनका पूरा परिवार शिव जी का बहुत बड़ा भक्त था। सन 1401 में सुल्तान अरसलान को हरा कर गणेश्वर के पुत्रों, वीरसिंह और कीर्तिसिंह ने इतिहास रच दिया था, जिसमे विद्यापति का अहम योगदान था। फिर विद्यापति ने मैथिली मे राधा और कृष्ण के प्रेम के गीत रचना प्रारम्भ कर दी थी। विद्यापति शिव भक्त थे पर वह अधिकांश राधा और कृष्ण के प्रेम पर गीत लिखा करते थे। विद्यापति की मृत्यु सन 1448 में हुई थी।
विद्यापति की रचनाएँ
- शैवसर्वस्वसार.प्रमाणभूत संग्रह’
- गंगावाक्यावली
- विभागसार
- दानवाक्यावली
- दुर्गाभक्तितरंगिणी
- वर्षकृत्य
- गोरक्ष विजय
- मणिमंजरी नाटिका
- पदावली
- शैवसर्वस्वसार
- गयापत्तालक
- कीर्तिलता
- कीर्तिपताका
- भूपरिक्रमा
- पुरुष परीक्षा
- लिखनावली
विद्यापति किस काल के कवि थे – Vidyapati Kis Kaal Ke Kavi The?
विद्यापति आदिकाल के कवि है। उन्होंने अवहट्ट और मैथिली भाषाओं में ग्रंथों की रचना की है साथ ही संस्कृत भाषा में भी अनेक ग्रंथों की रचना की है जो ज्यादा प्रसिद्द है।
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