आराम हराम है किसका नारा है

आराम हराम है किसका नारा है?

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By Shubham Jadhav

महापुरुषों के द्वारा यदि कोई नारा दिया जाता है तो उसका अर्थ बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और साथ ही वो हमारे जीवन पर भी असर डाल सकता है, किसी भी इंसान को यदि सफल बनना है तो उसे सफल लोगो के द्वारा कही गयी बातों को समझना होगा। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आराम हराम है किसका नारा है?

आराम हराम है किसका नारा है?

आराम हराम है नारा जवाहरलाल नेहरू का नारा है। यह नारा उन्होंने देश के नागरिको को देश की स्वतंत्रा के लिए जागरूक करने के लिए दिया था। इस नारे का अर्थ है कि जो ज्यादा आराम करता है यानिकी आलसी होता है वो कभी भी जीवन में सफल नही हो पाता है क्योकि आराम पसंद लोग कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर पाते है। इसीलिए यहा पर आराम हो हराम कहा गया है, ज्यादा आराम आपको बर्बाद कर देता है, आप चाहे विद्यार्थी हो, व्यापरी हो, कर्मचारी हो, मजदुर हो, सेनानी हो आराम आपको कभी भी आगे नही बढ़ने देता है। इसीलिए सिमित मात्रा में आवश्यता के अनुसार ही आराम करना चाहिए वरना लोg जरुरी कामो को छोड़ कर आराम करने लगते है और फिर बाद में पछताते है।

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