चाणक्य अत्यधिक बुद्धिमान थे। उनकी उस समय दी गयी नीतियाँ आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी नीतिया दी हैं। जैसे शिक्षा, व्यापार, वैवाहिक जीवन, धन, स्वस्थ, मित्र आदि। आज हम आपके लिए लाये हैं कि चाणक्य नीति के अनुसार पत्नी कैसी होनी चाहिए? एक अच्छी पत्नी कैसी होती है पर चाणक्य के विचार। तो आइये जानते हैं कि किस तरह की स्त्री आपके वैवाहिक जीवन को स्वर्ग बना सकती है।
चाणक्य नीति के अनुसार पत्नी कैसी होनी चाहिए ?
आचार्य चाणक्य ने पत्नी कैसी होनी चाहिए इस सन्दर्भ में एक श्लोक प्रस्तुत किया है जो कुछ इस प्रकार है –
“साभार्या या शुचिदक्षा सा भार्या या पतिव्रता। सा भार्या या पतिप्रीता सा भार्या सत्यवादिनी।।”
अर्थ – इस श्लोक का अर्थ है कि एक आदर्श पत्नी वह होती है जो मन, वचन और कर्म तीनों से शुद्ध होती है, घरेलू कार्यों में निपुण होती है, तथा आचरण अच्छा होता हैं, पतिव्रता हो, कुशल गृहिणी हो।
धार्मिक होना चाहिए
पत्नी अगर धार्मिक है तो वह आपके जीवन में खुशहाली लाती है और अगर वह धार्मिक नही है तो इसका सीधा असर पति के जीवन पर होता है और यह दम्पत्ति कभी खुश नही रह पाते हैं। धर्म से जुड़े नियमो का पालन करने वाली होनी चाहिए, हर दिन भगवान की आराधना करना एक अच्छी स्त्री का प्रतिक है।
पत्नी में होना चाहिए संतोष
संतोष किसी भी रिश्ते को मजबूत कर सकता है और जिस इंसान की पत्नी संतोष की भावना रखती है और अपनी इच्छाओ पर काबू रखती है वो हमेशा सुखी रहता है और उनका रिश्ता भी मजबूत होता हैं। अगर इच्छाए ज्यादा होंगी तो विवादों की सम्भावना भी बढेगी और अनावश्यक खर्च भी होगा जिससे रिश्ते कमजोर होते हैं इसीलिए संतोष का भाव रखने वाली स्त्री को उत्तम पत्नी कहा गया है।
मीठा बोलने वाली पत्नी
वाणी ही आपके चरित्र का पहला प्रतीक है अगर आप किसी से पहली ही मुलाक़ात में कडवा बोलेंगे तो हो सकता है वो इंसान कभी भी आपसे बात न करें और वह आपको बुरा इंसान समझने लगे। इसीलिए जिसकी पति मधुर वाणी का प्रयोग करती है उसे श्रेष्ठ माना गया है।
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