घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ

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By Shubham Jadhav

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ जानने के लिए इस Article को जरुर पढ़े। पुराने समय में घोड़ो का उपयोग वाहन के रूप में किया जाता था, इसके लिए हर किसी के पास घोड़े हुआ करते थे, और घोड़ो का व्यापार भी किया जाता था। जो लोग घोड़ो का व्यापार करते थे वो लोग दिन भर कड़ी मेहनत के बाद घोड़े बेच पाते थे और जो घोड़े बेच देता था वो घर आकर निश्चिन्त हो आकर गहरी नींद में सो जाता था, जिसके बाद यह मुहावरा बना था कि घोड़े बेचकर सोना।

घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ

घोड़े बेचकर सोना का अर्थ होता है कि निश्चिन्त हो जाना।

वाक्यों में प्रयोग

  • अंकुश तो परीक्षा के समय भी ऐसे सोता है जैसे कि वो घोड़े बेच कर सो रहा है।
  • दुकान नुकसान में चल रही और जतिन दिन में भी ऐसा सोता है जैसे कि घोड़े बेच कर सो रहा हो।
  • अजित को जगाने जाओ तो वो उठता ही नही है ऐसा सोता है मानो जैसे घोड़े बेच कर सो रहा हो।
  • तुम घोड़े बेच कर सोते रह गये और घर में चौरी हो गयी।

निष्कर्ष

आशा करता हु आपको आसानी से यह समझ आ गया होगा कि घोड़े बेचकर सोना का मतलब क्या होता है। इसे आप उन दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं जिन्हें मुहावरे जानने की इच्छा है

FAQs

घोड़े बेचकर सोना का मतलब

घोड़े बेचकर सोना मतलब निश्चिन्त हो जाना।

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