कट्टर हिन्दू नए साल की शायरी 2023 – Kattar Hindu New Year


एक सनातनी धर्म प्रेमी कट्टर हिन्दू वो ही है जो अपने धर्म का पालन करते हुए अपने धर्म के लिए ही काम करे और अपने धर्म का प्रचार प्रसार करे! आज के युग में पाश्चात्य संस्कृति का इतना अधिक आकर्षण हमारे नवयुवकों में है कि वे अपने संस्कारों को भूल कर पाश्चात्य सभ्यता का ही गुणगान करने लगे हैं। ऐसे ही भटके हुए युवाओं को राह दिखाने के लिए आज हम लेकर आये हैं 2023 के अंग्रेजी नववर्ष पर कुछ कट्टर हिन्दू नए साल की शायरी 2023।

कट्टर हिन्दू नए साल की शायरी 2023

हम हिंदूवादी हैं और अंग्रेजी नववर्ष में नहीं मानते,
कृपया अंग्रेजी नववर्ष की बधाई भेजकर मेरा और अपना समय बर्बाद न करें!

हमारा टेलीग्राम चैनल जॉइन करने के लिए क्लिक करें

जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं,
और जो मेरे राम को न माने,
ऐसे धर्म का नववर्ष भी मेरे किसी काम का नहीं!

new year 2023 hindutva

कैलेंडर बदलें संस्कृति नहीं

हिन्दू हूँ हिन्दूत्व चाहता हूँ,
सबको एक साथ लाना चाहता हूँ।
इस गंदे घिनौने पाश्चात्य को,
अपनी संस्कृति से दूर हटाना चाहता हूँ।
बताओ मुझे कि
क्यों मनाऊ ऐसा नया साल जो अँधेरी रात को शुरू होता है?
क्यों हो जाऊ उनकी खुशियों में शामिल जो मेरा देश तोडना चाहता है?
कैसे कह दू हैप्पी न्यू ईयर उनको,
जो सनातन को ही नकारता है।

हम भगवा के दीवाने हैं,
राम जी को चाहने वाले हैं!
सुबह उठकर मनाते हैं गुड़ी पड़वा,
दारू पीकर काली रात नहीं मनाते हैं।

तुम हमसे क्या मुकाबला करोगे ए 2023 वालों,
हम तो 2080 में जी रहे हैं।
वंदे मातरम, जय श्री राम।

न झुका अंग्रेजों की हुंकारों से,
न झुका मुगलों की तलवारों से,
तो क्या झुकेगा ये सनातनी
इन मुट्ठीभर गद्दारों से।

ये काली रात के नववर्ष में कोई दम है क्या?
मना लो अपने ही त्यौहार कोई कम है क्या?

हिन्दू हो तो हिन्दुओं की शान मत जाने दो,
इस पाश्चात्य संस्कृति को अपने घर में मत आने दो।
हम वो हैं जो सुबह शंख बजाते हैं,
न कि वो जो किसी नए साल की रात दारु, चिकन खाते हैं!

कैसे मनालूं उनका नया साल,
जिन्होंने किया है हमारी संस्कृति को खँडहर और बेहाल?

जिन्हें रामलला और रामसेतु काल्पनिक लगते हैं,
मेरे लिए उनका नया साल मनाना भी पाप है।

मत भेजो मुझे ये 2023 की बधाइयां।
हम तो विक्रम संवत 2080 में जी रहे हैं।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

0Shares

Leave a Comment