अगर आप जानना चाहते हैं कि मानव जीनोम परियोजना को क्या कहते है (Human Genome Project) तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।
मानव जीनोम परियोजना को क्या कहते है? (Human Genome Project)
मानव जीनोम परियोजना एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजना है जिसका मुख्य लक्ष्य मानव जीनोम के सभी जीनों को भौतिक और कार्यात्मक दोनों दृष्टिकोणों से पहचानना करना है। यह एक मुख्य वैज्ञानिक परियोजना है जिसके द्वारा जीनोम अनुक्रम का पता लगाया जाता है।
हर जीवित प्राणी का शरीर कोशिका से बना हुआ है तथा हर कोशिका में केंद्र होता हैं जिसे केन्द्रक कहते हैं और इसी केन्द्रक में गुणसूत्र पाए जाते हैं तथा एक गुणसूत्र में कई जीन होते हैं। यह अनुवांशिकी इकाई है जिस कारण वैज्ञानिको का कहना है कि अगर मानव जीनोम परियोजना के तहत अगर जीनोम से जुडी अत्यधिक जानकारी एकत्रित कर ली गयी तो भविष्य में हृदय रोग, रक्त सम्बन्धी रोग, दमा आदि के सहायक आनुवांशिक आधारों के बारे में भी जानना आसान हो सकता है, जीन चिकित्सा के द्वारा रोगों का उपचार सम्भव होगा आदि।
जीन का कार्य अनुवांशिक लक्षणों को धारण करन एवं उनका एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुचाना है इसीलिए कहा जाता हैं कि जीन आनुवांशिकता की मूलभूत शारीरिक इकाई है।
मानव जीनोम परियोजना के परिणाम
- इंसानों में जीनों की संख्या लगभग 24000 हैं।
- मानव जीनोम में आनुवांशिक पदार्थों की बढ़ी हुई मात्रा repeated sequence में मौजूद होती है जिसे जंक डीएनए कहा जाता है।
- कोशिका में जीनों का 2% ही प्रोटीन के निर्माण में भूमिका निभाता है और यह 2% सक्रिय जीन प्रथक प्रथक कोशिकाओं में प्रथक प्रथक होते हैं।
- मनुष्य जाती में 99.9% आनुवांशिक समानता हैं पर 0.1 % भिन्नता उसके विशिष्टता का कारण होती है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
- डीएनए का संश्लेषण किस अवस्था में होता है
- डीएनए कितने प्रकार के होते हैं
- भारत का पहला डीएनए भण्डार कहाँ स्थापित किया गया था?
- कोशिका का बिजलीघर किस अंग को कहते हैं और क्यों?