मानव में दोहरा परिसंचरण क्यों आवश्यक है

मनुष्य में दोहरे परिसंचरण की व्याख्या कीजिए

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By Shubham Jadhav

नमस्कार दोस्तों ! हम प्रतिदिन आपके सवालों के जवाब देने का प्रयास करते है, जिन प्रश्नों के उत्तर आसानी से प्राप्त नही होते है उनके उत्तर भी आप तक पहुचने का निरंतर प्रयास करते है जैसे की आज का प्रश्न है मानव में दोहरा परिसंचरण क्यों आवश्यक है? यह है इसका उत्तर आपको यहाँ मिल जाएगा।

परिसंचरण तंत्र क्या होता है?

परिसंचरण  तंत्र हृदय, धमनियों तथा शिराओं का वह समूह है जो शरीर के प्रत्येक भाग में खून को पहुचाता है, जिससे उसे पोषण और ऑक्सीजन हर कोशिका प्राप्त हो सकें, खून को पंप कर ह्रदय द्वारा धमनियों की सहायता से कोशिकाओ तक पहुचाया जाता है । तथा ऑक्सीजन से विहीन रुधिर को वे शिरा में लौटाकर हृदय में लाती हैं जो उसको फुप्फुस में ऑक्सीजन लेने के लिए भेज देता है।

मानव में दोहरा परिसंचरण क्यों आवश्यक है?

मनुष्य के परिसंचरण तंत्र को दोहरा परिसंचरणकहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक चक्र में रक्त दो बार हृदय में प्रवेश करता है। हृदय का दायाँ और बायाँ हिस्सा ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रक्त को आपस मिलने से बचाता है। परिसंचरण तंत्र अंगों का वह समूह है जो शरीर की कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वों तथा रक्त को पहुचाता है जिस वजह से वह कार्य कर पाते है। मानव शरीर में उच्च ऊर्जा की जरूरत होती है, जिस कारण शरीर को ऑक्सीजन का हर कोशिका तक सही समय में पहुचना जरुरी होता है जिस कारण मानव शरीर में दोहरा परिसंचरण आवश्यक होता है।

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