हिन्दू धर्म में मंत्रो का अत्यधिक महत्व हैं, मंत्रो के द्वारा ही भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है और भगवान की आराधना की जाती है इन मन्त्रो के द्वारा ही भक्त अपने भगवान को खुश करते हैं तथा उनसे यह प्रार्थना करते हैं कि उनकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण हो और ईश्वर उन ओर आने वाली हर विपत्त से उनकी रक्षा करें। मंत्र सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत में लेखे हुए है जिस कारण लोगों को इनका अर्थ पता नहीं होता है और वह नहीं जान पाते हैं कि अकहिर मंत्रो का मतलब क्या है, संस्कृत भाषा का उपयोग अब खत्म हो चुका है और अब संस्कृत केवल धार्मिक कार्यो में ही नज़र आती है, वैसे अभी ही कुछ स्कूल व संस्थाएं है जो संस्कृत के महत्व को बढाने का प्रयास कर रहे हैं। आज हम आपको भगवान विष्णु के एक प्रमुख ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र के लाभ बताएँगे।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का अर्थ
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय के लाभ जानने से पहले हम इस जान लेते हैं।
मंत्र – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’
मंत्र का अर्थ:
ओम – ओम यह ब्रंह्माडीय ध्वनि है।
नमो – नमस्कार।
भगवते – जो दिव्य है।
वासुदेवयः – वासु का अर्थ है सभी प्राणियों में जीवन और देवयः का अर्थ है ईश्वर। इसका मतलब है कि भगवान जो सभी प्राणियों का जीवन है।
नारायण सभी देवो के देव है तथा जब भी इस संसार में पाप बढ़ता है तब भगवान नारायण अवतार लेते हैं और अधर्मियों का नाश कर फिर से धर्म की स्थापना करते हैं। भगवान नारायण के कई नाम है जैसे हरि, विष्णु, शेषशायिन, वासुदेव आदि। अभी तक भगवान विष्णु के मुख्य 10 अवतारों का वर्णन मिलता है, तथा विष्णु जी के अंतिम अवतार कलकी कलयुग में जन्म लेंगे जो कलि नाम के असुर का वध करेंगे और वापस धर्म की स्थापना करेंगे। भगवन विष्णु अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं इसीलिए भक्त उनकी और उनके अवतारों की पूजा करते है, भगवान विष्णु के दो मुख्य अवतार रहे हैं एक राम और कृष्ण जिनके करोड़ो भक्त मौजूद है।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र के लाभ
ऊर्जावान महसूस करते हैं
इस मंत्र का जाप दिन में दो बार करने से शारीरिक तथा मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, इस मंत्र का उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आपको दिन में दो बार तथा 101 बार इस मंत्र का जाप करना है। यदि आप एशिया करेंगे तो आप पाएँगे कि आपकी मानसिक तथा शारीरिक शक्ति में वृद्धि हो रही है, जिस व्यक्ति की शारीरिक तहत मानसिक शक्ति कमजोर होती है, वह अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता है तथा हमेशा किसी न किसी तरह की समस्याओं से घीरा रहा है, यदि मानसिक रूप से कमजोर होने पर निर्णय लेने में कठिनाई, कार्यो को पूर्ण करने में कठिनाई, लोगों से मिलने में असमंजस जैसी समस्या आती है। पर यदि कोई व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है तो उसे इन सभी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ता है।
कार्य होते हैं सफल
प्रतिदिन 21 बार इस मंत्र का जाप करने से वह सारे काम सफल हो जाते हैं जो कई दिनों से अटके हुए होते हैं, कई बार हम पाते हैं कि मेहनत करने के बाद भी हमारे कई कार्य सफल नहीं हो पा रहे हैं, और किसी न तरह की को नई समस्या आ ही जाती है जिसके बारे में हम ने पहले कभी सोचा भी नहीं होता है, यह समस्या हमारे काम में विघ्न उत्पन्न करती हैं और उसे होने से रोकती है जिस कारण हम परेशान रहने होने लगते हैं, और ऐसा एक बार नहीं कई बार देखने को मिलता है ऐसे में यह मंत्र आपकी सहायता कर सकता है। इस मंत्र का जाप करने से बुरी शक्तिया आपसे दूर हो जाती है तथा आपके कार्य सफल होने लगते है।
ग्रहों की शांति में सहायक
गृह यदि शांत न होतो जीवन में भी अशांति बनी रहती है और कई तरह की समस्याएँ आती रहती है, ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को लेकर विस्तृत वर्णन मिलता है, कि कौनसा गृह किस कार्य के लिए उत्तरदायी है और किस गृह के कारण आपको अशांति का सामना करना पड़ रहा है। यदि गृहों के नकारात्मक प्रभावों को खत्म करना है और इसके लिए जिन लोगों की कुंडली में गृह शांत नहीं है उन्हें इस मंत्र का जाओ प्रतिदिन करना चाहिए वह भी 1008 बार।
मोक्ष की प्राप्ति
इस मंत्र का जाप करने से सारे पापो का नाश होता है और मोक्ष के सारे द्वार आपके लिए खुल जाते हैं, इस मंत्र का जाप करने से भगवान प्रसन्न होते हैं, प्रतिदिन 101 बार इस मंत्र का जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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