या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता मंत्र का अर्थ

या देवी सर्वभूतेषु ~ सभी मंत्र अर्थ सहित – तंत्रोक्तं देवीसूक्तम Durga Mantra

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By Shubham Jadhav

यदि आप या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता मंत्र का अर्थ ढूंढते हुए यहां आ पहुंचे हैं तो आप सही जगह आये हैं। आज हम न केवल इस मंत्र का अर्थ अपितु इसके स्रोत यानि तंत्रोक्तं देवीसूक्तम / दुर्गा सप्तशती के पंचम अध्याय के या देवी सर्वभूतेषु सभी मन्त्रों को अर्थ आपको बतलाएंगे। यह सभी मंत्र गीता प्रेस गोरखपुर की श्री दुर्गा सप्तशती से लिए गए हैं। इन मंत्रों को देवी की उपासना करते हुए देवगणों ने गाया था। मदर्स डे के दिन भी आप इन श्लोकों को अपने व्हाट्सप्प या इंस्टाग्राम पोस्ट पर डाल सकते हैं।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता मंत्र का अर्थ

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में शक्ति रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

तंत्रोक्तं देवीसूक्तम / दुर्गा सप्तशती के पंचम अध्याय के सभी श्लोक क्रमानुसार –

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में विष्णुमाया के नाम से कही जाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में निद्रा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में भूख के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषुच्छायारुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में छाया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में शक्ति रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में इच्छा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषू क्षान्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में क्षमा (क्षान्ति) के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषू जातिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में जाति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में लज्जा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में शांति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में श्रद्धा के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में कांति (तेज, दिव्यज्योति, उर्जा रूप) के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में लक्ष्मी के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में वृत्ति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में स्मृति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में दया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में तुष्टि के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में माता के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी माँ संसार के सभी प्राणियों में भ्रान्ति के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है।

निष्कर्ष:

तो ये थे या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता मंत्र का अर्थ एवं तंत्रोक्तं देवीसूक्तम / दुर्गा सप्तशती के पंचम अध्याय के सभी श्लोक ( या देवी सर्वभूतेषु मंत्र ) क्रमानुसार। देवी माँ सभी की कामनाएं पूरी करें यही हमारी मंगल कामना है।

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