क्या आप जानते हैं कि शिखर दर्शनं पापनाशम क्यों कहा जाता है? अगर नहीं तो इस लेख में आपको इसका उत्तर मिल जाएगा।
शिखर दर्शनं पापनाशम का अर्थ
मंदिर में भगवान की मूर्ति के ऊपर त्रिभुज की आकृति का शिखर बनाया जाता है जो दूर से ही दिखाई पड़ता है। हिन्दू धर्म में इस शिखर का भी बड़ा महत्व है। कई मंदिरों में सोने के शिखर भी बनाए जाते हैं और इन्हें बहुत ही अद्भुत तरीको से भी बनाने की परम्परा है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार शिखर को भी मूर्ति की तरह माना जाता है। शिखर के दर्शन करने से भगवान की कृपा होती है। शास्त्रों में शिखर दर्शनं पापनाशम लिखा गया है। जिसका अर्थ होता हैं कि यदि आप किसी भी मंदिर के शीर्ष को देखते हैं, तो आपके पाप नष्ट हो जाएंगे। शिखर के समय पुण्य प्राप्ति के लिए आप शिवजी के मंत्र ॐ नमः शिवाय, विष्णुजी के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, देवी मंत्र दूं दुर्गायै नमः या श्री राम और श्री कृष्ण के नाम का जाप कर सकते हैं। इस प्रकार शिखर के दर्शन कर ध्यान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। शिखर देखने और मंत्र जाप करने के बाद गरीबों को भोजन और धन का दान अवश्य करना चाहिए। कृपया अपनी सामर्थ्य के अनुसार गौशालाओं, मंदिरों आदि में दान करें।
FAQs
शिखर दर्शन करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं यह मूर्ति के दर्शन के समान है।
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